नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए जहां यूएन की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है। वहीं इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सीट के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने इस दौरान कहा कि आखिर भारत को कब तक यूएन के डिसिजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा । पीएम मोदी ने आम सभा में कोरोना वायरस के हालात पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डिलीवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी । इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है । इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पॉन्स कहां है?
130 करोड़ लोगों की भावनाएं साझा करने आया हूं
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के 130 करोड़ लोगों की भावनाएं साझा करने आया हूं । 1945 की दुनिया आज के समय से अलग थी, उस समय की चुनौतियां और आवश्यकताएं अलग थीं । सदी बदल जाए और हम न बदलें तो बदलाव की ताकत कम हो जाती है । आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था, उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है?
भारत ने हमेशा मानव जाति के हित की बात की
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा - भारत ने हमेशा मानवजाति के हितों के बारे में सोचा है , न कि अपने स्वार्थ के बारे में सोचा है । भारत की नीतियां हमेशा से इसी दर्शन से प्रेरित रही हैं । महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत की फार्मा इंडस्ट्री ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं । महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम आत्मनिर्भर भारत के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं । भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे ।
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हमारी एक से दोस्ती किसी तीसरे के खिलाफ नहीं
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती । भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती । हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते । उन्होंने कहा कि भारत की आवाज मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ उठेगी ।
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लंबे समय से कर रहे हैं इंतजार
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोग UN के रिफॉर्म्स को लेकर जो प्रोसेस चल रहा है, उसके पूरा होने का बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं । भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये प्रक्रिया कभी लॉजिकल एंड तक पहुंच पाएगा । कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के डिसिजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा ।
क्या संयुक्त राष्ट्र के प्रयास पर्याप्त थे?
इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र पर भी तोड़ा कड़क होते हुए कहा - ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए । कितने ही आतंकी हमलों ने खून की नदियां बहती रहीं । इन युद्धों और हमलों में, जो मारे गए वो हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे । लाखों मासूम बच्चे जिन्हें दुनिया पर छा जाना था, वो दुनिया छोड़ कर चले गए । उस समय और आज भी, संयुक्त राष्ट्र के प्रयास क्या पर्याप्त थे?'