नई दिल्ली । देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस (73 Republic Day) मना रहा है । दिल्ली के राजपथ से लेकर लाल किले तक अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजामों के बीच गणतंत्र दिवस समारोह की शुरआत हुई । देश इस बार गणतंत्र के जश्न को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है । इस बार की परेड को कोरोना गाइडलाइन के तहत की ओयोजित किया गया है , जिसके तरह इस बार 25 हजार के बजाए मात्र 5 हजार लोगों को ही इस परेड को देखने का मौका मिला । इतना ही नहीं इस बार परेड की दूरी को भी कम कर दिया गया । इतना ही नहीं पहली बार पुराने दशकों की हमारी सेना की वर्दी और उनके हथियारों के साथ जवान राजपथ पर नजर आए । इस बार की परेड पिछले सालों से काफी अलग थी , जिसमें देश की शक्ति - शौर्य , नारी सशक्तिकरण , संस्कृति और संस्कार का प्रदर्शन किया गया ।
जानें इस बार की खास बातें...
सबसे पहले बात रते हैं जम्मू कश्मीर पुलिस के एसआई बाबू राम की , जिन्हें इस बार मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया । श्रीनगर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में बाबू राम शहीद हो गए थे । हालांकि, सर्वोच्च बलिदान से पहले उन्होंने न सिर्फ अपने साथियों को बचाया, बल्कि तीन आतंकियों को भी ढेर कर दिया । उनकी पत्नी रीता रानी शांति काल में वीरता का सबसे बड़ा पदक ग्रहण किया ।
- इस बार राजपथ पर परेड में सबसे पहले पीटी-76 और सेंचुरियन टैंक नजर आया , जिन्होनें 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना की धज्जियां उड़ा दी थी । ये विंटेज टैंक अब सेना के जंगी बेड़ा का हिस्सा नहीं है और खासतौर से म्यूजयिम से परेड के लिए बुलाया गया है । हाल ही में देश में '71 के युद्ध की स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया गया था । इसके अलावा 75/24 विंटेज तोप और टोपैक आर्मर्ड पर्सनैल कैरियर व्हीकल भी परेड का हिस्सा बनीं। 75/24 तोप भारत की पहली स्वदेशी तोप थी और 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था ।
--राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में सिख लाइट इन्फैंट्री दस्ते भाग लिया. सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे इस रेजिमेंट के वर्तमान कर्नल हैं ।
-इस साल परेड में थलसेना की 61 कैवलरी (घुड़सवार) रेजीमेंट सहित कुल छह मार्चिग-दस्ते हैं, जिसमें राजपूत रेजीमेंट, असम जैकलाई, सिखलाई, एओसी और पैरा रेजीमेंट शामिल हैं. इसके अलावा वायुसेना, नौसेना, सीआरपीएफ, एसएसबी, दिल्ली पुलिस, एनसीसी और एनएसएस के मार्चिंग दल और बैंड भी राजपथ पर दिखाई दिया । बीएसएफ का ऊंट-दस्ता भी परेड में हर साल की तरह शामिल हुआ ।
- इसी क्रम में इस बार कर्नाटक शिल्प कला की जननी को भी परेड में जगह दी गई ।
इस बार राजपथ पर देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद भगत सिंह , सुखदेव , राजगुरू , उघम सिंह , लाला लाजपत राय की प्रतिमाओं को भी परेड का हिस्सा बनाया गया ।
- इसी क्रम में विंटेज मिलिट्री हार्डवेयर के अलावा आधुनिक अर्जुन टैंक, बीएमपी-2, धनुष तोप, आकाश मिसाइल सिस्टम, सवत्र ब्रिज, टाइगर कैट मिसाइल और तरंग इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर सिस्टम सहित कुल 16 मैकेनाइज्ड कॉलम परेड में शामिल दिखे ।
- इस बार राजपथ पर 'नारी शक्ति' की भी झलक दिखी । राफेल की एकमात्र महिला फाइटर शिवांगी सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी ।
- परेड में उत्तराखंड की झांकी में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, डोबरा-चंटी ब्रिज और बद्रीनाथ मंदिर को दिखाया गया ।