न्यूज डेस्क । राजस्थान कांग्रेस में सरकार गठन के बाद से पार्टी के भीतर जारी गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है । राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेता आपस में ही आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त नजर आते हैं । पिछले दिनों सीएम अशोक गहलोत द्वारा पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर मारे गए कटाक्ष के बाद अब सचिन पायलट ने गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है । पायलट ने सीधे गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा - मुख्यमंत्री के नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे सिंधिया हैं । पिछले कुछ समय से उनकी ओर से मुझे बदनाम करने की साजिशें रची गईं। यहां तक कि मुझपर बिकने के आरोप लगाए गए । मुझे निक्कमा और गद्दार कहा गया। मुख्यमंत्री ने तो अपने ही विधायकों को बदनाम करने की कोशिशें कीं ।
अपनी सरकार के खिलाफ यात्रा
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में बड़ा एलान किया है । राजस्थान चुनाव से पहले सचिन पायलट ने 'जन संघर्ष पद यात्रा' की घोषणा की है, जो अजमर से शुरू होगी । ये यात्रा 125 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें सचिन पायलट जनता के बीच जाएंगे और उनकी शिकायतें सुनेंगे । सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने कई बार राजस्थान में पेपर लीक का मुद्दा उठाया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. RPSC का कार्यालय अजमेर में है । इसलिए अब वह खुद वहां जाएंगे और भ्रष्टाचार के विरोध में यात्रा निकालेंगे । यह पद यात्रा 125 किलोमीटर लंबी होगी और पांच दिन तक चलेगी । सचिन पायलट ने कहा कि सरकार सही फैसला तभी लेगी, जब जनता का दबाव बनेगा । इसलिए वह आमजन की शिकायतें सुनेंगे और उसे सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे ।
मुख्यमंत्री की बातों में विरोधाभास
इस दौरान सचिन पायलट ने कहा - एक तरफ तो यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी । वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा था कि वसुंधरा राजे ने सरकार को बचाने का काम किया । ये जो विरोधाभास है इसे समझाना चाहिए । मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि आखिर आप कहना क्या चाहते हैं । सब जानते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मैं डिप्टी सीएम के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष था । लेकिन कुछ लोगों ने साजिश रचते हुए 2020 में मुझ पर देशद्रोह और राष्ट्रद्रोह के आरोप में कार्रवाई करने की कोशिश की ।
गहलोत ने अपने बयान से मचाया था भूचाल
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में अपने बयान से सियासी भूचाल खड़ा कर दिया था कि उनकी सरकार को बचाने में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे ने मदद की थी । साथ ही उन्होंने कांग्रेस के कुछ विधायकों पर पैसे लेकर सरकार गिराने की कोशिश का भी आरोप लगाया और कहा कि उन्हें इस बात को लेकर हैरानी हो रही है कि भाजपा ने उन विधायकों से पैसे वापस नहीं लिए । पायलट ने कहा, 'हम दिल्ली गए अपनी बात को रखा । हमारी बातों को संज्ञान में लेने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 25 सितंबर को अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था , लेकिन विधायकों की बैठक ही नहीं हो पाई. सोनिया गांधी अध्यक्ष थीं हमारी, उनकी बेइज्जती की गई वो गद्दारी थी । उनकी अवमानना की गई । विधायकों से जबरन इस्तीफा दिलवाया गया और अपनी ही सरकार को संकट में डाला गया। उन्होंने कहा, 'बहुत से लोग ये आरोप लगाते हैं कि मोदी और अमित शाह के कहने पर इस्तीफे हुए. ये बात कहते हुए सोभा नहीं देती । अब तक जो हुआ वो ये दिखाता है कि अनुशासनहीनता किसने की और पार्टी के नियमों को किसने तोड़ा।
मेरे कुछ साथी सरकार में कुछ परिवर्तन चाहते थे
पायलट ने कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं और मेरे कुछ साथी सरकार में कुछ परिवर्तन चाहते थे । हमने अपनी बातों को रखा और अहमद पटेल के माध्यम से एक कमेटी बनी । कमेटी ने हमारी बात को सुना और एक रोडमैप तैयार किया गया । इसके बाद राज्यसभा चुनाव से लेकर पार्टी को मजबूत करने के लिए हर वो काम किया जो करना जरूरी था । पायलट ने कहा, 'ढाई साल में अनुशासन तोड़ने का काम कभी भी किसी ने नहीं किया । मुझे कोरोना कहा गया, गद्दार कहा गया. जो ये आरोप हाल में लगाए गए ये मैं ढाई साल से सुन रहा था लेकिन मैं अपनी पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाह रहा था इसलिए शांत रहा ।
सीएम भाजपा नेताओं का गुणगान कर रहे हैं
पायलट ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा - मैंने पहली बार देखा कि अपनी ही सरकार को, अपने ही विधायकों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है । जबकि भाजपा नेताओं का गुणगान हो रहा है । ऐसे लोग जो जनता के बीच 40 सालों से हैं उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं । ये सारे आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं । बहुत से नेताओं को सरकार में मंत्री बनाया गया, बड़े-बड़े पद दिए गए । यह कहना बिलकुल गलत है कि चंद रुपयों के लिए आप बिक गए ।