नई दिल्ली । सऊदी अरब के शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिल सलमान के कार्यकाल में वहां के इस्लामिक मामलों के मंत्री के एक फैसले की दुनिया भर में जमकर तारीफ हो रही है । असल में पिछले दिनों वहां के कई लोगों ने इस तरह की शिकायत दर्ज कराई थी कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों की तेज आवाजों के चलते बुजुर्गों और बच्चों की नींद प्रभावित होती है । इन शिकायतों के बाद सऊदी के इस्लामिक मामलों के मंत्री शेख डॉ. अब्द अल लतीफ अल शेख ने सोमवार को एक सर्कुलर जारी करते हुए मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों की आवाज को एक तिहाई क्षमता पर ही बजाने के आदेश दिए हैं । इस दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग नमाज पढ़ना चाहते हैं , उन्हें इमाम की आवाज के इंतजार करने की जरूरत नहीं है । उन्हें पहले ही मस्जिदों में पहुंचना चाहिए ।
सऊदी के इस्लामिक मामलों के मंत्री ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों की तेज आवाजों से लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए । लोगों की शिकायत है कि उनके घरों में बुजुर्ग और बच्चे इस सबके चलते सही से सो नहीं पाते ।
असल में अरब सरकार का लाउडस्पीकरों पर रोक का फैसला एक शरीआ कानून और एक फतवे को आधार बनाकर दिया गया है । इस आदेश का मकसद है कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों सें आम जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए ।
सर्कुलर में कहा गया है कि लाउडस्पीकर की आवाज उसकी क्षमता की मात्र एक तिहाई ही हो सकती है , इससे ज्यादा पर लाउडस्पीकर बनाए गए तो ऐसे में कानूनी कार्रवाई होगी । सऊदी अरब प्रशासन ने मस्जिदों में केवल अजान और इकामत के लिए ही लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल की इजाजत दी है ।
अरब सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया में इस फैसले का जमकर स्वागत किया जा रहा है । जहां इस फैसलों को लोगों को सुकून देने वाला करार दिया गया है , वहीं कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर इस फैसले का विरोध भी दर्ज किया है ।