नई दिल्ली । प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में बहुत बड़े घोटाले का मामला सामने आया है । मामला को उजागर भी किया है तमिलनाडु सरकार ने । गरीबों को लाभ पहुंचाने वाली इस योजना की जांच में तमिलनाडु सरकार ने पाया कि कई लोगों ने धोखाधड़ी करके 110 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान ऑनलाइन निकाल लिया । सरकार का कहना है कि कुछ सरकारी अधिकारियों और कुछ स्थानीय राजनेताओं की मदद से यह धोखाधड़ी हुई है । इस मामले में करीब 100 से ज्यादा लोगों पर कार्रवाई हुई है । इतना ही नहीं - दलाल या एजेंट के रूप में पहचाने जाने वाले 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । सरकार ने 110 करोड़ रुपये में से 32 करोड़ रुपये की वसूली की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब तक का कार्यकाल बेदाग ही रहा है , लेकिन इस सबके बीच अब पीएम किसान योजना में धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है । खुद तमिलनाडु के प्रमुख सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने बताया कि अगस्त में नाटकीय रूप से कई लोगों को इस योजना में जोड़ा गया था ।
सामने आया है कि तमिलनाडु के कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, कुड्डलोर, तिरुवन्नमलाई, वेल्लोर, रानीपेट, सलेम, धर्मपुरी, कृष्णगिरि और चेंगलपेट जिलों में खास तौर पर इस घोटाले को अंजाम दिया गया है । इन जिलों में अधिकांश नए लाभार्थी इस योजना से अनभिज्ञ थे या इस योजना में शामिल नहीं हो रहे थे ।
इस मामले की जांच में सामने आया कि एग्रीकल्चर विभाग के अधिकारियों ने ऑनलाइन आवेदन अनुमोदन प्रणाली का उपयोग किया था और कई लाभार्थियों को अवैध रूप से जोड़ा था । इस साजिश में सरकारी अधिकारी शामिल थे, जो नए लाभार्थियों में जुड़ने वाले दलालों को लॉगिन और पासवर्ड प्रदान करते थे और उन्हें 2000 रुपये देते थे ।
प्रमुख सचिव ने बताया कि कृषि योजनाओं से जुड़े 80 अधिकारियों-कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और 34 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है ।
तमिलनाडु सरकार का दावा है कि भले ही अभी सिर्फ 32 करोड़ रुपये की वसूली की गई हो लेकिन शेष रकम अगले 40 दिनों में वसूल ली जाएगी ।