नई दिल्ली । कृषि बिल के विरोध में किसानों का आंदोलन अपने 53वें दिन पर पहुंच गया है । सरकार के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बैठक के बावजूद , किसानों का रुख नहीं बदला है । किसान तीनों बिल को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार ने भी साफ कर दिया है कि वह बिलों को रद्द नहीं करेगी । इस सबके बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामला की सुनवाई करने और मामले को सुलझाने के लिए जो कमेटी बनाने का निर्देश दिया था , अब किसान उसे भी मानने को तैयार नहीं हैं । इस सबके बीच एक बार फिर से रविवार को किसानों की एक अहम बैठक सिंधु बॉर्डर पर शुरू हो गई है । इस बैठक में हाल में एनआईए द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को भेजे गए समन पर भी मंथन किया जाएगा ।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के कई बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार चल रहा है । किसान सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी से खुश नहीं हैं । सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को न मानते हुए अब किसानों के एक संगठन ने कोर्ट से नई कमेटी गठित करने की मांग की है ।इसके साथ ही दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने पर आमदा हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस सुरक्षा का हवाला देकर किसानों को इसकी इजाजत नहीं दे रही है ।
इससे इतर , सिंधु बॉर्डर पर किसान नेताओं की एक बैठक शुरू हुई है , जिसमें NIA की ओर से भेजे गए समन पर चर्चा होगी और इससे मुकाबले के लिए रणनीति बनाई जाएगी । ऐसा माना जा रही है 19 जनवरी को जब किसान नेताओं की सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता के लिए मुलाकात होगी, तो किसान नेता इस मुद्दे को उठाएंगे ।