नई दिल्ली । ज्ञानवापी मस्जिद केस से जुड़ी याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की पीठ ने सुनवाई की । कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों और वर्शिप एक्ट पर सुनवाई के दौरान कहा किसी धार्मिक स्थल के चरित्र का पता लगाना गलत नहीं है । इस दौरान पीठ ने कहा कि पूजा स्थल के चरित्र में परिवर्तन नहीं होना चाहिए । कोर्ट में जारी चर्चा के दौरान पीठ ने कहा है कि इस पूरे केस को वाराणसी की कोर्ट ही देखेगी । जिला जज के विवेक पर सवाल नहीं उठाना चाहिए । इसके साथ ही कोर्ट ने इस पूरे मामले को वाराणसी के जिला जज को ही ट्रांसफर कर दिया । अब इस मामले को वाराणसी के जिला जज ही सुनेंगे । इस दौरान कोर्ट ने कहा कि 18 जुलाई तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा ।
विदित हो कि ज्ञानवापी मस्जिद केस को लेकर मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते अपनी याचिका दाखिल की थी । मुस्लिम पक्ष की ओर से मस्जिद की दीवार गिराए जाने की आशंका और वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की मांग को खारिज किए जाने की मांग की गई थी । लेकिन सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए साफ कर दिया है कि जिला जज के विवेक पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है । पीठ ने कहा कि वजु स्थल , जहां शिवलिंग मिलने की बात कही है , वहां वजु नहीं होगा, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें ।
इस दौरान कोर्ट ने साफ कह दिया कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है उसकी सुरक्षा कड़ी होनी चाहिए । किसी पूजा स्थल के चरित्र में परिवर्तन नहीं होना चाहिए । इसके साथ ही कोर्ट ने 8 हफ्ते तक अपने अंतरिम आदेश को जारी रखा है । साथ ही इलाके को सील करने के 17 मई के आदेश को बरकरार रखने की बात कही गई है ।
इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूरे मामले को वाराणसी के जिला जज को ही ट्रांसफर कर दिया है । ज्ञानवापी केस की सुनवाई गर्मियों की छुट्टी के बाद होगी ।