नई दिल्ली । बहुचर्चित हिजाब प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने 10 दिनों की सुनवाई के बाद गुरुवार सुबह अपना फैसला सुनाया । इस मामले में दोनों ही जजों की राय अलग अलग हैं। जहां पीठ के जस्टिस हेमंत गुप्ता ने स्कूल - कॉलेजों समेत अन्य स्थानों में हिजाब पहनने पर लगाए गए कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया , वहीं पीठ के दूसरे जस्टिस सुधांशु धूलिया ने इस बैन के खिलाफ अपनी राय दी । उन्होंने अपने फैसले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया । कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले दिनों इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए हिजाब पर बैन लगा दिया था , जिसके बाद करीब 25 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में बैन के खिलाफ याचिका दायर की थी । इस मुद्दे पर दोनों जजों के अलग अलग फैसले आने के बाद इस मुद्दे को अब बड़ी बैंच के पास भेज दिया गया है । आने वाले दिनों में अब दोबारा से इस मुद्दे पर सुनवाई होगी । फिलहाल इस मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला लागू रहेगा , यानी अभी हिजाब पहनने पर पाबंदी रहेगी ।
बता दें कि हिजाब को लेकर जारी लड़ाई पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुनाया । इस दौरान जस्टिस हेमंत गुप्ता ने जहां कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ताओं की याचिका को खारिज कर दिया । वहीं पीठ के दूसरे जस्टिस सुधांशु धूलिया ने अपने फैसले में हाईकोर्ट के बैन को खारिज कर दिया । उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना धार्मिक स्वतंत्रता का मामला है । उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि हमने अपने फैसले में लड़कियों की शिक्षा को ध्यान में रखा है । दोनों जजों की राय अलग अलग आने होने पर अब इस मामले को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित (CJI UU Lalit) के पास भेज दिया गया है । पीठ ने उनसे बड़ी बेंच में सुनवाई का आग्रह किया गया है । सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों का फैसला अलग होने के बाद कर्नाटक हिजाब बैन पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा और हिजाब पर बैन जारी रहेगा ।
विदित हो कि 24 मार्च को याचिकाकर्ता कर्नाटक हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचे थे । कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच में 10 दिनों तक हिजाब विवाद पर जोरदार बहस चली । जिरह के दौरान मुस्लिम पक्ष ने जहां एक ओर हिजाब की तुलना पगड़ी और क्रॉस से की, तो वहीं जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस पर तीखी टिप्पणी की । दस दिन चली सुनवाई के बाद 22 सितंबर को पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था ।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को राज्य के उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है ।