नई दिल्ली । दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के खतरनाक स्तर के बरकरार रहने पर सप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है । चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार से पूछा कि जब आपने वर्क फ्रॉम हॉम की व्यवस्था की थी तो बच्चों के लिए स्कूल क्यों खोले । इतना ही नहीं पंजाब में पराली जलने से प्रदूषण बढ़ने पर कहा कि अब तो पराली नहीं जल रही है फिर क्यों प्रदूषण कम नहीं हो रहा । इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को 24 घंटे के भीतर प्रदूषण से राहत दिलवाने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया । इस दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर दिए गए समय में आप कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैे तो फिर कोर्ट को आदेश जारी करना पड़ेगा ।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि जब बड़े लोगों के लिए घरों से काम करने के निर्देश दिए गए हैं तो बच्चों क्यों इस धुंध में स्कूल जा रहे हैं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह साफ निर्देश दे कि स्कूल खुले हुए हैं या बंद है ।
चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) ने आपत्ति जताते हुए कहा कि दिल्ली में 3-4 साल के बच्चे स्कूल जा रहे हैं । आपने स्कूल बंद नहीं किए । अखबरों में आ रहा है कि छोटे बच्चे अभी भी स्कूल जा रहे हैं । आप कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करा रहे हैं और बच्चे स्कूल भेजे जा रहे हैं ।
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए दिल्ली सरकार से कहा कि आप कोर्ट में कुछ कहते हैं और सच कुछ और होता है । ऐसे में तो हमें दिल्ली सरकार पर निगरानी के लिए किसी को नियुक्त करना पड़ेग ।
इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मैंने रास्ते में देखा कि सरकार की तरफ से कुछ लोग प्रदूषण पर नियंत्रण के बैनर लिए सड़क पर खड़े हैं । तभी हम कहते हैं आप सिर्फ लोकप्रिय होने वाले नारे लगाते हैं । उन्होंने कहा कि हम कोई विपक्ष के नेता नहीं हैं । हमारा उद्देश्य प्रदूषण पर नियंत्रण है , लेकिन केजरीवाल सरकार सिर्फ बातें करती हैं।