नई दिल्ली । अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों का समय नजदीक आता जा रहा है । राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भी कोरोना से ठीक होकर एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतर गए हैं । इस सबके बीच पिछले दिनों एक सर्वे सामने आया , जिसमें कहा गया कि अभी तक की हवा के अनुसार , ट्रंप अपने प्रतिद्वंदी जो बिडेन से 10 अंक पीछे चल रहे हैं । इन खबरों के बाद अब ट्रंप प्रशासन के एक फैसले ने भारतीयों को झटका दिया है । खबर है कि ट्रंप की सरकार अमेरिका आकर नौकरी करने वालों पर सख्ती के लिए वीजा नियमों में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है । मंगलवार को विदेशों से कुशल श्रमिकों को जारी वीजा (Visa) के प्रोसेस को लिमिट करने की योजना बनाई है । अफसरों का कहना है कि इस योजना को प्राथमिकता देने की वजह कोरोनो काल के कारण बढ़ती बेरोजगारी है ।
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बता दें कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने गत जुलाई माह में एच -1 बी कार्यक्रम को अस्थायी रूप से निलंबित करते हुए वर्ष के अंत तक एक आदेश जारी किया था । ट्रंप प्रशासन के लोगों का कहना था कि अमेरिकी कंपनियां H1B वीजा के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को विदेशों से नौकरी पर रख लेती हैं , जिससे अमेरिका में रहने वालों को नौकरी नहीं मिल पाती ।
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इस पूरे घटनाक्रम पर होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट और श्रम अधिकारियों के विभाग ने कहा कि एच -1 बी वीजा प्राप्त करने वाले नए नियम क्या हैं और उन्हें कितना भुगतान किया जाना चाहिए, इसके लिए जल्द ही एच -1 बी वीजा (H-1 B Visa) कार्यक्रम रखा जाएगा । इस पूरे मामले को लेकर संबंधित अधिकारी का कहना है कि इस फैसले के लागू होने के बाद से लगभग एक तिहाई एच -1 बी आवेदकों को नए नियमों के तहत वंचित रखा जाएगा ।
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ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का सीधा असर उन भारतियों पर पड़ेगा , जो वहां जाने की योजना बना रहे थे ।