लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए सियासी दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है । भाजपा द्वारा योगी सरकार के कार्यकाल में किसी बड़े दंगे या हंगामे के नहीं होने संबंधी दावों को चुनौती देने के लिए अब सुबे में किसान आंदोलन की आड़ में हिंसा भड़काने की साजिश सामने आ रही है । लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को भी इस साजिश का एक हिस्से के रूप में देखा जा रहा है , जिसमें हिंसा भड़काने में कुछ खालिस्तानी समर्थकों को पुलिस प्रशासन को दौड़ाते देखा गया । इतना ही नहीं इन सभी आशंकाओं के मद्देनजर योगी सरकार ने अब से थोड़ी देर पहले अपने आवास पर एक हाई लेवल मीटिंग शुरू कर दी है , जिसमें किसान आंदोलन की आड़ में हिंसा को भड़काने की साजिशों पर भी मंथन हो रहा है ।
खालिस्तानी समर्थन नजर आए हिंसा में
विदित हो कि इस हिंसा के बाद किसानों के प्रदर्शन के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल एक फोटो ने इस बहस को नया मोड़ दे दिया है । इस दौरान एक फोटो में नजर आ रहा है कि एक पुलिस अधिकारी किसी से फोन पर बात करता हुआ दिख रहा है। उसके बगल में नीली पगड़ी पहने एक शख्स है जिसकी सफेद टी-शर्ट पर जरनैल सिंह भिंडरांवाले की फोटो छपी दिख रही है। कुछ हैंडल्स से इस टी-शर्ट के पीछे का हिस्सा भी शेयर किया है जिसपर खालिस्तान समर्थन में एक स्लोगन लिखा है। एक वीडियो भी वायरल हैं जिसमें कुछ लोग खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं।
योगी ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग
विपक्षी दलों की रणनीति और इस हिंसा से मचे सियासी उबाल के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने निवास पर एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई है । इस बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य , डॉ दिनेश शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और स्वतंत्र देव सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के आला अधिकारी भी मौजूद हैं । सीएम योगी आदित्यनाथ लखीमपुर की घटना समेत विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर रहे हैं । सीएम ने पूरे मामले की रिपोर्ट भी तलब की थी ।
आगे भी हिंसा की आशंका
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ संगठन यूपी में हिंसा फैला सकते हैं । आगामी यूपी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर योगी सरकार की छवि को धुमिल करने के लिए किसान आंदोलन की आड़ में आगे भी ऐसी वारदातों की आशंका जताई जा रही है , जिसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन को चौकस रहने के लिए कहा गया है ।
आखिर क्या है पूरा घटनाक्रम
बता दें कि यूपी के लखीमपुर खीरी में रविवार को नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन के दौरान बवाल हो गया। किसान संगठनों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (MoS Home) अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष ने प्रदर्शनकारियों पर गाड़ियां चढ़ा दीं। इसमें चार किसानों की मौत हो गई । जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं। इसके बाद, उग्र किसानों ने आशीष और उसके समर्थकों की गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी। इस हिंसा में इन कथित किसानों ने तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट पीटकर हत्या कर दी , जबकि मंत्री के बेटे के ड्राइवर को भी मार दिया ।
विपक्ष ने अपनी सियासी पासे फेंके
इस सबके बीच यूपी के सियासी दलों ने अपनी राजनीतिक चालें चलना शुरू कर दिया है । घटना के बाद हर दल का नेता लखीमपुर खीरी जाने को सड़कों पर अपने कार्यकर्ताओँ के साथ नजर आया । अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें योगी सरकार के खिलाफ हमला बोलने का एक बड़ा मौका जो मिल गया है । तमाम किसान संगठनों के नेता समेत कांग्रेस, समाजवादी पार्टी व अन्य दलों के शीर्ष नेता लखीमपुर खीरी पहुंच रहे हैं।