नई दिल्ली । अमेरिका में कई उपद्रवियों ने गुरुवार को कैपिटल बिल्डिंग (Capitol Building) में घुसकर जमकर हंगामा करते हुए काफी तोड़फोड़ की । इन उपद्रवियों को ट्रंप समर्थक बताया जा रहा है , जो कैपिटल बिल्डिंग में चल रही बहस के दौरान सीनेट चैंबर तक पहुंच गए और उपराष्ट्रपति के अलावा हाउस स्पीकर की कुर्सी पर कब्जा कर लिया । बिल्डिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हिंसक उत्पात के बाद कई सांसद और संगठन ट्रंप को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं ।
बता दें कि ट्रंप के समर्थकों ने जिस बिल्डिंग पर हमला किया, उसमें अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य बैठते हैं । अमेरिकी संसद के दोनों सदन यानी सीनेट में गुरुवार को इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती और बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने के लिए बैठक शुरू हुई । इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के सैकड़ों समर्थक संसद के बाहर जुटे । नेशनल गार्ड्स और पुलिस इन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन कुछ लोग कैपिटल बिल्डिंग के अंदर घुस गए और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की । इस दौरान गोली भी चली और एक महिला समेत 4 लोगों की मौत हो गई । हालांकि अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि गोली किसने चलाई थी ।
इस बीच कई उपद्रवी समर्थक सीनेट चैंबर तक पहुंच गए थे । ट्रंप का एक समर्थक रिपब्लिकन पार्टी का झंडा लेकर संसद भवन के ऑफिस में घुसा और हाउस स्पीकर (House Speaker) की कुर्सी पर बैठ गया । इतना ही नहीं एक समर्थक उपराष्ट्रपति माइक पेंस की कुर्सी पर बैठ गया ।
इससे इतर , ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल में तोड़फोड़ करने के साथ ही सभी सीनेटरों को बाहर निकाल दिया और इमारत पर कब्जा कर लिया । ट्रंप के समर्थक डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने, दोबारा वोटों की गिनती करवाने की मांग की जा रही थी । वॉशिगंटन की सड़कों पर जब ट्रंप समर्थकों ने मार्च निकालना शुरू किया तभी सुरक्षा का स्तर बढ़ा दिया गया था ।
वहीं इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है । कई उपद्रवियों के पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं । फिलहाल पुलिस फिलहाल प्रदर्शनकारियों को कैपिटल से दूर करने में लगी है और हालात पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया है ।
हालांकि, ट्रंप के कार्यकाल में सिर्फ 14 दिन ही बचे हैं लेकिन बुधवार शाम को हुई इस घटना के बाद ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है । ट्रंप पर इससे पहले भी एक बार महाभियोग लगाने की कोशिश हो चुकी है लेकिन वो नाकाम रही थी ।
दरअसल, 6 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस अपनी मुहर लगाने वाली थी । ट्रंप समर्थकों ने इसे रोकने के लिए इमारत पर धावा बोल दिया । इस घटना से ठीक पहले ट्रंप ने अपने समर्थकों को उकसाने वाले कई ट्वीट किए थे ।
इस घटना के बाद कई सांसद और गवर्नर ट्रंप को पद से हटाने के लिए उन पर महाभियोग लगाने या अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल करने की बात कह रहे हैं ।
यह है विवाद का कारण
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए 3 नवंबर को चुनाव हुए थे, जिसमें डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) को 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 232 वोट मिले थे । इसके बावजूद ट्रंप ने हार स्वीकार नहीं की और लगातार आरोप लगाते रहे कि चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है । इसको लेकर कई राज्यों में ट्रंप समर्थकों द्वारा केस भी दर्ज कराए गए, लेकिन ज्यादातर मामले कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब ट्रंप समर्थक हिंसा पर उतारू हो गए हैं ।