लखनऊ । समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खां इन दिनों किसानों की जमीन कब्जाने के मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ 3 नई FIR दर्ज करवाई गईं हैं, जिसके बाद उनके खिलाफ अब तक 26 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। नई एफआईआर जौहर यूनिवर्सिटी मामले से जुड़ी हैं, जिनमें सपा सांसद आजम खान पर किसानों की जमीन को कब्जाने का आरोप है। आजम खान के खिलाफ वहां के स्थानीय किसानों ने एफआईआर दर्ज करवाई हैं। इस सब के बीच आजम खां ने एक ओर विवादित बयान दे दिया है । उन्होंने कहा कि 1947 में पूर्वजों के बंटवारे का दंश अब उन्हें झेलना पड़ रहा है । मुस्लिमों को बंटवारे के बाद पाकिस्तान न जाने की सजा मिल रही है।
किसानों को झूठे मुकदमों में फंसाया गया
बता दें कि किसानों ने आजम खान पर आरोप लगाए हैं कि उन्हें जमीन न देने पर पुलिस वालों ने उन्हें चरस और अफीम के झूठे मुकदमों में फंसाया । किसानों को अवैध तरीके से पुलिस हिरासत में रखा गया और उनके परिवार वालों को परेशान किया गया । इतना ही नहीं आजम खान के लिए काम करने वाले तत्कालीन इंस्पेक्टर ने कई किसानों को फर्जी मुकदमों में जेल तक भेज दिया । ऐसा इसलिए किया गया ताकि किसान अपनी जमीन उन्हें बेच दें। इस मामले में अह प्रवर्तन निदेशालय (ED ) भी सक्रीय हो गया है । सूत्रों के मुताबिक ईडी ने रामपुर पुलिस और प्रशासन से आजम खान पर दर्ज एफआईआर और तमाम जमीन मामलों से जुड़ी पूरी जानकारी मांगी है ।
NIA की तमिलनाडु में फिर से बड़ी कार्रवाई , आतंकी वारदातों की साजिश रचने में 16 लोग गिरफ्तार
आजम खां का साथ पुलिसवालों ने भी दिया
इस मामले में एसपी अजय पाल शर्मा ने आजम खान के खिलाफ दर्ज मामलों के बारे में बताया कि किसानों की ओर से दर्ज FIR में आजम खां के साथ रामपुर के पूर्व सीओ (रिटायर्ड) आले हसन और रामपुर में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर कुशलवीर का भी नाम है । एसपी ने बताया कि किसानों के आरोपों को राजस्व विभाग ने जांच में सही पाया जिसके बाद आजम के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुईं.।
सोनभद्र नरसंहार में 32 ट्रैक्टरों में भरकर आए थे 300 हमलावर , CM योगी बोले - कांग्रेस के समय में पड़ी घटना की नींव
मुसलमानों को मिल रही सजा
इस सब के बीच आजम खां ने एक बार फिर से विवादित बयान देकर लोगों को भड़काने का काम किया है । उन्होंने मॉब लिंचिंग की घटनाओं की आड़ में बयान देते हुए कहा कि ये वो सजा है जो 1947 से मुस्लिम भुगत रहे हैं । ओब जो है वो है, आखिर क्यों नहीं गए हमारे पूर्वज पाकिस्तान । लेकिन जो भी हो मुस्लिम इसका सामना करेगा । उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों को बंटवार के समय पाकिस्तान चले जाना चाहिए था, आखिर वो पाकिस्तान क्यों नहीं चले गए । मौलाना आजाद , नेहरू , पटेल और बापू से पूछा जाए । इन लोगों ने मुसलमानों से वायदा किया था । बापू की अपील पर रुके थे मुसलमान की ये देश भी तुम्हारा है । हम बंटवारे के गुनहगार ही नहीं थे हमें अब उसकी सजा मिल रही है।