नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया जहां पिछले दिनों अपने जंगलों में आग के चलते खबरों में रहा , वहीं एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया अपने यहां ऊंटों को लेकर खबरों में आ गया है । असल में ऑस्ट्रेलिया ने अपने देश में 10 हजार ऊंटों को मौत के घाट उतारने का फैसला लिया है । अगर हम इन ऊंटों के मारे जाने का कारण आपको बताएंगे तो आप भी चौंक जाएंगे । असल में इन ऊंटों को मारे जाने का कारण ये है कि एक तो इनकी जनसंख्या बढ़ रही है और दूसरा कि ये ज्यादा मात्रा में पानी पीते हैं और इस समय देश में पानी का संकट है ।बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पश्चिम में स्थित अनांगु पितजनजातजारा याकुनीजतजारा लैंड्स में इन ऊंटों को मारा जाएगा । साउथ ऑस्ट्रेलियन डिपार्टमेंट फॉर एनवायरॉनमेंट एंड वाटर (DEW) ने कहा यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इनकी संख्या में बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है और इस समय देश में पानी की किल्लत है । ये ऊंट बहुत पानी पीते हैं ।
साउथ ऑस्ट्रेलियन डिपार्टमेंट फॉर एनवायरॉनमेंट एंड वाटर (DEW) के अनुसार , इन ऊंटों को मारने के लिए प्रोफेशनल शूटर्स को बुलाया गया है । ये शूटर्स हेलीकॉप्टर्स पर बैठकर हवा में उड़ते हुए इन ऊंटों को गोली मारेंगे । इन्हें मारने की प्रक्रिया एक हफ्ते तक चलेगी । इसके बाद इनके शवों को अगले दो हफ्तों तक जलाया जाएगा।
DEW का कहना है कि ये फेरल ऊंट हैं जो 5 किलोमीटर दूर से ही पानी के स्रोत को सूंघ लेते हैं। देश में मौजूद ऊंट जहां भी पानी का स्रोत देखते हैं वहीं पहुंच जाते हैं। तालाबों से लेकर आबादी के बीच पानी के नल से लेकर पानी की टंकियों के करीब ये ऊंट आ रहे हैं । ऐसे में कई बार लोगों के बीच भगदड़ मची है । कई मौकों पर घबराए बच्चों और महिलाओं के चोटिल होने की खबरें भी आईं हैं। ये ऊंट देश के छोटे-छोटे टुकड़ों में पूरे रेगिस्तान में घूमते रहते हैं । इतना ही नहीं कई बार ये ऊंट तालाबों में ही मर जाते हैं, इससे इंसानों के पीने के पानी में भी प्रदूषण फैलता है ।
संबंधित विभाग के अफसरों का कहना है कि ये ऊंट न सिर्फ हमारे पानी के स्रोतों को खराब करते हैं बल्कि हमारे खाने और संसाधनों को भी बर्बाद कर देते हैं । इससे कन्यापी समुदाय के लोग खतरे में आ गए हैं।