नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने सोमवार दोपहर एक पत्रकार वार्ता कर दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया । मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इस दौरान घोषणा की कि दिल्ली में एक चरण में ही मतदान 8 फरवरी को करवाया जाएगा । वहीं परिणाम 11 फरवरी को आएंगे । इस दौरान दिल्ली के 1 करोड़ 46 लाख मतदाताओं के लिए 2689 जगहों पर मतदान होगा , जहां 13757 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे । दिल्ली विधानसभा चुनावों की अधिसूचना 14 तारीख को जारी होगी और नामांकन की अंतिम तारीख 21 जनवरी होगी । इस बार वरिष्ठ नागरिकों के लिए चुनाव आयोग ने खास इंतजाम किए हैं । मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि दिल्ली की सभी 70 सीटों पर मतदान करवाने के लिए 90 हजार कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा । इसी के साथ दिल्ली में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही कहा कि इस बार 14 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी , 21 जनवरी नाम वापस लेने का अंतिम दिन होगा । इस बार के चुनावों मे मीडिया मॉनिटरिंग टीमें भी गठित की जाएंगी। इस दौरान चुनाव आयुक्त ने कहा कि 80 साल की आयु से अधिक के वरिष्ठ मतदाता को पोस्टल बैलेट के जरिए भी मतदान करने की छूट होगी ।
क्या क्या बोले चुनाव आयुक्त
- पत्रकार वार्ता की शुरुआत मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सभी को नए साल की शुभकानाएं देते हुए की ।
-इस दौरान अपने एक साथी के पत्रकार वार्ता में नहीं आने पर सफाई देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वह छुट्टी पर हैं , इसलिए इस पत्रकार वार्ता में नहीं आ सके । उनके न आने का कोई दूसरा मतलब न समझा जाए।
-मीडिया मॉनिटरिंग टीमें बनाई जाएंगी ।
- दिल्ली में 2689 जगहों पर मतदान होगा ।
-90 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी
कुछ ऐसा था पिछली बार विधानसभा का स्वरूप
बता दें कि पिछली बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा समेत कांग्रेस को पछाड़ते हुए 70 सीटों में से 67 सीटों पर कब्जा किया था । तीन सीटों पर भाजपा जीत पाई थी , जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस के हाथ निराशा ही लगी थी । वह एक भी सीट नहीं जीत पाई थी ।
इस बार भी है त्रिकोणीय मुकाबला
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर पिछली बार आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत पाते हुए सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस को जोर का झटका दिया था । एक बार फिर से दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है , जिसमें केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए यह चुनाव उनकी साख के लिए अहम साबित होंगे । वहीं पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस को भी यहां देखना होगा कि आखिर दिल्ली की जनता उन्हें कितना पसंद करती है । वहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के लिए भी यह चुनाव काफी अहम साबित होंगे । पिछले 5 सालों में आप ने अपने कई दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया है । कई विधायक अब पार्टी के साथ नहीं हैं और कांग्रेस और भाजपा का दामन थाम बैठे हैं ।