नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका देते हुए आदेश दिया है कि उन्हें कल यानी शुक्रवार शाम 5 बजे फ्लोर टेस्ट करना होगा । सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इस दौरान कांग्रेस के बागी विधायकों को जहां रहना हो , वे वहीं रहें । अगर वह बेंगलुरू में ही रहना चाहते हैं तो वहीं रहें और कर्नाटक सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाए । अगर वह सदन में आना चाहते हैं तो वे यहां भी आ सकते हैं । इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इस पूरे फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी की जाए । हालांकि मध्य प्रदेश विधानसभा को कोरोना वायरस के चलते अगले कुछ दिनों तक के लिए स्थगित कर दिया गया था , लेकिन अब कमलनाथ को कल सरकार में बने रहने के लिए बहुमत साबित करना होगा ।
बता दें कि कमलनाथ सरकार के 22 विधायकों के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था । हालांकि सिंधिया ने तो विविधत एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी , लेकिन उनके समर्थक विधायकों ने मंत्री पद के साथ ही अपनी विधायिका से इस्तीफा दे दिया था । इस पूरे घटनाक्रम के बाद भाजपा ने सरकार को अस्थिर करार देते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग की थी , लेकिन राज्यपाल के आदेश के बावजूद स्पीकर ने विधानसभा को कोरोना वायरस का हवाला देते हुए भंग कर दिया था ।
बहरहाल , इस मामले में शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए एक याचिका दाखिर की थी , जिसपर सुनवाई करते हुए अब जाकर कोर्ट ने अपना आदेश सुना दिया है । इससे पहले कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वह खरीद फरोख्त नहीं होने देगी और इसके लिए वह जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट की पक्षधर है ।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर द्वारा 26 मार्च तक के लिए स्थगित सदन को शुक्रवार दोबारा बुलाने और फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया है । बता दें कि 230 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 22 विधायक उनसे अलग हो गए हैं । सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर ये विधायक फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेना चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाएंगे ।