नई दिल्ली । भारतीय बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज चुकाए बिना विदेश भागने वाले विजय माल्या को सोमवार लंदन की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है । सरकार द्वारा उसे भारत लाने की कोशिशों के बीच माल्या ने लंदन कोर्ट में प्रत्यार्पण के खिलाफ एक याचिका दाखिल की थी, जिसे लंदन की कोर्ट ने खारिज कर दिया है। लंदन कोर्ट के इस फैसले के बाद अब माल्या को भारत सरकार द्वारा भारत लाने का रास्ते में ज्यादा अड़चने नहीं दिख रही हैं।बता दें कि बैंकों के 9000 करोड़ डकारकर विदेश भागने वाले विजय माल्या पर अब भारत सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है । प्रत्यर्पण केस में सोमवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत भेजने पर बड़ा फैसला लेते हुए माल्या की प्रत्यार्पण के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है । माल्या सीबीआई लुकआउट नोटिस आते ही 2016 में ही भारत छोड़ कर भाग गया था।
असल में पिछले साल 4 दिसंबर को माल्या को भारत लाने के लिए भारत सरकार ने लंदन की कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इसके खिलाफ माल्या की ओर से भी एक अर्जी दायर की गई थी, जिसे लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
असल में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का कहना है कि अब उसके पास गुजर-बसर करने के लिए पैसे नहीं हैं। माल्या का कहना है कि वह अपनी पार्टनर, पर्सनल असिस्टेंट, परिचित कारोबारियों और बच्चों पर निर्भर है। विजय माल्या ने यह बात 13 बैंकों द्वारा उसके खिलाफ दर्ज की गई बैंकरप्टसी याचिका के जवाब में कही थी। याचिका के जवाब में माल्या ने कहा कि उसकी व्यक्तिगत संपत्ति मात्र 2956 करोड़ रुपये रह गई है और उसने यह पूरी संपत्ति बैंकों से सेटलमेंट के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने पेश कर दी है। बैंकों ने माल्या द्वारा दी गई इस जानकारी को यूके कोर्ट से साझा किया है।