नई दिल्ली । ऐसे समय में जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध कायम है और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है, भारत की वायुसेना और मजबूत हो गई है । स्वदेशी विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन बुधवार को वायुसेना में शामिल हो गई । इसे फ्लाइंग बुलेट्स नाम दिया गया है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने खुद इस विमान की उड़ान भरकर इसकी शुरुआत की । स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही वायुसेना को इसी साल 36 रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से मिलने जा रही है । इस बीच तेजस की एक नई स्क्वाड्रन का शामिल होना राहत भरी खबर है ।
तमिलनाडु के कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर एयर चीफ मार्शल RKS भदौरिया ने स्वदेशी विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन की उड़ान भरी । यह स्क्वाड्रन LCA तेजस विमान से लैस है । तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है ।
विदित हो किवायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को HAL से खरीदा है । नवंबर 2016 में वायुसेना ने 50,025 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क-1ए की खरीदी को मंजूरी दी थी । इस डील पर अंतिम समझौता करीब 40 हजार करोड़ रुपए में हुआ है , यानी पिछली कीमत से करीब 10 हजार करो़ड़ रुपए कम ।
विदित हो कि एयरफोर्स स्क्वाड्रन 18 की शुरुआत 1965 को आदर्श वाक्य 'तीव्र और निर्भय' के साथ हुई थी । यह स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी । स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था ।