नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को फिर से पदस्थापित करने के आदेश के 2 दिनों बाद ही उन्हें फिर से हटा दिया गया है। अब उनकी जगह नागेश्वर राव को एक बार फिर से अंतरिम निदेशक बना दिया है। निदेशक का पदभार संभालते ही नागेश्वर राव ने आलोक वर्मा के द्वारा 2 दिनों के अंदर लिए गए सभी तबादला संबंधी फैसलों को रद्द कर दिया है। बता दें कि आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाकर दिल्ली डीजी फायर सर्विस, सिविल डिफेंस व होमगार्ड्स बनाया गया है। बता दें कि नागेश्वर राव ने कहा कि उनके ऊपर झूठे आरोपों के आधार पर उनका तबादला किया गया है। सरकार के फैसले से नाराज आलोक वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है।
गौरतलब है कि पूर्व सीबीआई निदेशक ने देर रात समाचार एजेंसी को बताया कि हाई प्रोफाइल मामलों की जांच के लिए महत्वपूर्ण एजेंसी होने के नाते सीबीआई की स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित रखना चाहिए। गौर करने वाली बात है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में उन्हें हटाने का फैसला लिया गया। बता दें कि इस बैठक में पीएम के अलावा, न्यायाधीश एमके सीकरी और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे। यहां बता दें कि पीएम के कोर ग्रुप के द्वारा लिए गए फैसले से आलोक वर्मा काफी नाराज थे और उन्होंने दिल्ली डीजी फायर सर्विस, सिविल डिफेंस एवं होमगार्डस का पद स्वीकार से मना कर दिया था। अब उन्होंने शुक्रवार की दोपहर को इस्तीफा दे दिया।
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यहां बता दें कि गुरुवार को बैठक के पहले, खड़गे ने कहा कि उन्होंने मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग की जांच रिपोर्ट सहित विभिन्न दस्तावेज मांगे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मामले में सीवीसी की जांच रिपोर्ट सहित कुछ दस्तावेज देने के लिए कहा है। खड़गे ने कहा कि वर्मा को भी कमेटी के सामने उपस्थित होने का मौका मिलना चाहिए और उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका देना चाहिए।’’