नई दिल्ली । सीमा विवाद को लेकर पिछले दिनों चीन के साथ जारी गतिरोध पर अब दोनों देशों के बीच आम सहमति बन गई है । दोनों देशों ने इस विवाद को निपटाने के लिए अपने प्रतिनिधि नियुक्त किए , जिसमें भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी को विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई । दोनों देशों ने विवादित क्षेत्र से 1 किमी तक पीछे हटने और चीन ने गतिरोध वाले स्थान से अपने टेंट समेटने पर सहमति जताई है । इस सबके बीच अमेरिकी व्हाइट हाउस ने चीन पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी सेना के भारत के पक्ष में खड़े होने की बात कही है । यही कारण है कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी नेवी को तैनात कर दिया है । अगर चीन के साथ भारत का विवाद बढ़ता है तो अमेरिकी सेनाएं पूरी तरह भारत के साथ मजबूती से खड़ी रहेंगी ।
विदित हो कि गत दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि अमेरिका अपनी सेना को एशिया में भेजेगा, क्योंकि वहां पर चीन भारत को परेशान कर रहा है । वहीं डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन के खिलाफ बयान भी दे रहे हैं । इस सबके बीच अमेरिकी व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडवो ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में भारत और चीन के मसले पर बात की ।
मीडवो ने अमेरिका की ओर से दिए अपने संदेश में साफ कर दिया है कि चीन के दुराचार को और नहीं सहा जाएगा । यही कारण है कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी नेवी को तैनात कर दिया है । हमारी सेना हर वक्त तैनात है और मुकाबले के लिए तैयार है । मार्क ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन ने अपनी सेना का हमेशा साथ दिया है, हम साफ कर देना चाहते हैं कि अगर कोई दिक्कत पैदा करेगा तो सेना बिल्कुल तैयार है ।
इससे पहले रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर टॉम कॉटन ने कहा कि चीन ने लगातार भारत को उकसाने की कोशिश की है, उनके सैनिकों को मार दिया । ऐसे में जरूरी हो जाता है कि अमेरिका वहां पर मौजूद हो इसलिए हमने दक्षिणी चीन सागर में उपस्थिति दर्ज कराई है । चीन की ओर से कई देशों पर दबाव बनाया जा रहा है और वो सभी देश अमेरिका के दोस्त हैं और दोस्ती को बढ़ाना चाहते हैं ।