नई दिल्ली । देश में पेट्रोल - डीजल की बढ़ती - घटती कीमतों को लेकर आए दिन हो हल्ला हो रहा है । पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग पिछले दो सालों से हो रही है , जिसपर काफी बयानबाजी होने के बावजूद अभी तक लोगों को राहत नहीं मिली है । इस सब के बीच एक बार फिर से पेट्रोल - डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की चर्चाएं तेज हो गईं हैं । इस बार यह मांग उद्योग मंडल एसोचैम की तरफ से की गई है । अब सरकार इनकी मांग को मान लेता है तो यह बात तय है कि लोगों को पेट्रोल - डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती की राहत मिल सकती है । हालांकि पूर्व वित्तमंत्री ने इस बात के संकेत दिए थे कि जल्द ही पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा । अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल - डीजल के दाम में करीब 25 रुपये की कटौती हो सकती है ।
बता दें कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से लगातार इस बात की मांग की जा रही है कि सरकार पेट्रोल की कीमतों को भी GST के दायरे में लाए । हालांकि इस मुद्दे पर कई बैठकों के दौर के बावजूद अभी तक कुछ नही हुआ है । पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस मुद्दे पर काफी नरम रुख जाहिर कर चुके हैं। इस सब के बावजूद , इस मामले को लेकर अब उद्योग मंडल एसोचैम की ओर से मांग की गई है कि पेट्रोल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। हालांकि अर्थशास्त्री मानते हैं कि पेट्रोल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्य सरकार ज्यादा इच्छुक नहीं है । वह अपनी कमाई को कम करने के पक्षधर नहीं हैं। ऐसे में राजस्व घाटे की सूरत मे केंद्र सरकार अकेले इस मुद्दे पर अपना फैसला नहीं लेगी। जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर पहले भी चर्चा हुई है , लेकिन राज्य सरकारों का रुख इस मामले में उदासीन है।
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IOCL के मुताबिक, दिल्ली में प्रतिलीटर पेट्रोल पर वैट और एक्साइज ड्यूटी को मिलाकर उपभोक्ता को 35.56 रुपये चुकाने पड़ते हैं । इसके अलावा औसतन डीलर कमीशन 3.57 रुपये प्रति लीटर और डीलर कमीशन पर वैट करीब 15.58 रुपये प्रति लीटर बैठता है । साथ ही, 0.31 रुपये प्रति लीटर माल-भाड़े के रूप में चार्ज किए जाते हैं । अगर सरकार इन सभी टैक्स को हटाकर सीधे जीएसटी लगाती है तो पेट्रोल करीब 25 रुपये तक सस्ता हो सकता है ।
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हालांकि राज्य सरकारों को इससे राजस्व का काफी नुकसान होगा । अगर पेट्रोल के अभी के रेट को देखें तो वह 73.27 रुपये प्रति लीटर है । इसमें एक्साइज ड्यूटी और वैट को अगर हटा दिया जाए तो तेल की कीमतें 37.70 रुपये प्रति लीटर रह जाएगा । अब इस पर अगर 28 फीसदी जीएसटी भी लगा दिया जाए तो पेट्रोल की कीमतें 48.25 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा । ऐसे मे उपभोक्ताओं को करीब 25 रुपये का लाभ मिल सकता है ।
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जानकारों का कहना है कि असल में पेट्रोल की जितनी के बराबर ही टैक्स भी लगता है । कच्चा तेल खरीदा जाता है और उसे उपभोक्ताओं के लिए उपभोग के लायक बनाने के लिए रिफाइनरी में लाया जाता है । इसके बाद उस पर टैक्स लगना शुरू होता है । पहले केंद्र सरकार इस तेल पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है , फिर राज्यों की सरकारें अपना सेल्स टैक्स या वैट लगाते हैं ।