नई दिल्ली / श्रीनगर । घाटी में पिछले कुछ समय में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल आउट से आतंकी संगठन और आतंकवादी बौखलाए हुए हैं। मौका लगते ही आतंकी कश्मीर के साथ अब जम्मू में भी आतंकवादी वारदातों को अंजाम देने से नहीं चूक रहे । इस सब के बीच खुफिया एजेंसियों ने सूचना दी है कि पुलवामा में बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने के बाद एक बार फिर से आतंकी बुरहान बानी की बरसी पर बड़ी वारदात की साजिश रच रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पुलवामा को ही चुना है । आतंकी हमले की साजिश सीमा पार से हुई है और उसे अंजाम देने के लिए 6 से 8 प्रशिक्षित आतंकियों को सीमापार करवाई गई है । इस समय ये आतंकी घाटी में पहुंच चुके हैं और अपनी वारदात को अंजाम देने की रणनीति बना रहे हैं।
सुरक्षा बलों के लिए चुनौती
खुफिया एजेंसियों से मिली इस सूचना के बाद सुरक्षा बल समेत सभी एजेंसियां घाटी में सक्रिय हो गई हैं। इन आतंकियों को वारदात से पहले दबोचना इनके लिए एक बड़ी चुनौती होगा । मिली जानकारी के अनुसार ये आतंकी बेहतर ट्रेनिंग पाए हुए हैं, ऐसे में उन्हें वारदात से पहले काबू करना सुरक्षा बलों के लिए भी आसान काम नहीं होगा, क्योंकि ये आतंकी आत्मघाटी हैं ।
8 जुलाई के करीब वारदात की आशंका
सूत्रों का कहना है कि खुफिया अलर्ट 8 जुलाई के करीब का है । बताया जा रहा है कि पाकिस्तान से प्रशिक्षण लेकर आए 6 -8 आतंकी घाटी में प्रवेश कर चुके हैं और वह पुलवामा में ही आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच कर आए हैं। इन आतंकियों को लोकल सपोर्ट मिला हुआ है । इतना ही नहीं खास बात यह है कि 8 जुलाई को बुरहान वानी की बरसी है, ऐसे में यह किसी वारदात को अंजाम देकर घाटी के युवाओं को सरकार के खिलाफ भड़काने का काम करेंगे ।
चप्पे चप्पे पर कड़ी सुरक्षा
इस सूचना के बाद सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चप्पे चप्पे पर कड़ी नजर रखना शुरू कर दिया है । घाटी के हर संदिग्ध पर नजर रखी जा रही है । वहीं सुरक्षाबल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी करके बैठे हैं ।
बुरहान के नाम पर हो चुकी है काफी हिंसा
बता दें कि बुरहान वानी के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद बड़े पैमाने पर आतंकी और स्थानीय युवा उसकी जनाजा यात्रा में पहुंचे थे । इस यात्रा के जरिए स्थानीय युवाओं के मन में बुरहान वानी के प्रति सहानुभूति पैदा की गई थी । आतंकी संगठनों की मंशा है कि वह बुरहान बानी को घाटी में पोस्टर ब्वाय के तौर पर जिंदा रखें , जो वहां के भटके हुए युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बनकर उभरे ।