नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण से पहले एक बार फिर मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला किया । उन्होंने इस दौरान कहा कि केंद्र की मोदी सरकार इस समय एक डूबती हुई नाव है । इसलिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी इनका साथ छोड़ दिया है । मायावती ने एक ट्वीट करते हुए यहा बात कही । अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा - पीएम श्री मोदी सरकार की नैया डूब रही है, इसका जीता-जागता प्रमाण यह भी है कि आरएसएस ने भी इनका साथ छोड़ दिया है व इनकी घोर वादाखिलाफी के कारण भारी जनविरोध को देखते हुए संघी स्वयंसेवक झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नहीं नजर आ रहे हैं जिससे श्री मोदी के पसीने छूट रहे हैं।
बसपा सुप्रीमो ने एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा - जनता को वरगलाने के लिए देश ने अबतक कई नेताओं को सेवक, मुख्य सेवक, चायवाला व चौकीदार आदि के रूप में देखा है । अब देश को संविधान की सही कल्याणकारी मंशा के हिसाब से चलाने वाला शुद्ध पीएम चाहिए। जनता ने ऐसे दोहरे चरित्रों आदि से बहुत धोखा खा लिया है अब आगे धोखा खाने वाली नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव में रोड शो और पूजा-पाठ को लेकर भी तंज कसते हुए कहा कि रोडशो व जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है जिस पर भारी खर्चा किया जाता है । आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिये और यदि किसी पार्टी द्वारा उम्मीद्वार के समर्थन में रोडशो आदि किया जाता है तो उसे भी पार्टी के खर्च में शामिल किया जाना चाहिये ।
मायावती ने कहा- किसी भी उम्मीदवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में चुनाव प्रचार पर बैन लगाने के दौरान यदि वह आम स्थान पर मन्दिरों आदि में जाकर पूजा-पाठ आदि करता है व उसे मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रचारित किया जाता है तो उस पर भी रोक लगनी चाहिये. आयोग इसपर भी कुछ कदम जरूर उठाए।
इससे पहले पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए मायावती ने मोदी की जाति को लेकर कहा था कि वह केवल जनता को अवगत करा रही हैं कि मोदी की जाति क्या है । मायावती ने एक चुनावी रैली में कहा कि मोदी अपनी रैलियों में कहते आये हैं कि विपक्ष उनकी जाति पूछ रहा है । ''मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि हम उनकी जाति के बारे में नहीं पूछ रहे हैं बल्कि जनता को केवल अवगत करा रहे हैं कि उनकी असल जाति क्या है।