अहमदाबाद । गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2002 गुजरात दंगों की जांच के लिए गठित नानावती आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में क्लीन चिट दी है । इस रिपोर्ट को बुधवार गुजरात विधानसभा में पेश किया गया । दंगों की जांच के लिए गठित इस नानावटी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दंगे 'सुनियोजित' नहीं थे । इसके साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य सभी राजनेताओं को क्लीन चिट दी गई । हालांकि रिपोर्ट में 3 आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं । तत्कालीन तीन आईपीएस अफसर आरबी श्रीकुमार, संजीव भट्ट और राहुल शर्मा की भूमिका संदेहात्मक होने का रिपोर्ट में खुलासा किया गया है ।
बता दें कि पीएम मोदी पर हमेशा से विपक्षी दल गुजरात दंगों को लेकर सवाल उठाते रहे हैं । लेकिन अब इस दंगों की जांच के लिए गठित नानावती आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट विधानसभा में पेश की है । इस रिपोर्ट में जहां पीएम मोदी को क्लीन चिट दी गई है , वहीं तत्कालीन तीन आईपीएस अफसरों की भूमिका को संदेह के घेरे में रखा है ।
रिपोर्ट में कहा गया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम पुलिस का है लेकिन उस दौरान पुलिस की संख्याबल कम होने के कारण पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही । रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस की संख्या में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। राज्य सरकार पुलिस की संख्या बनाए रखने में असफल रही है । इस रिपोर्ट में IPS संजीव भट्ट की बातों को अस्वीकार किया गया।