नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कोरोना मामले को लेकर केंद्र सरकार के समर्थन की जमकर प्रशंसा की। हालांकि दिल्ली में कोरोना की स्थिति को लेकर वह बोले - दिल्ली में फरवरी से लेकर मार्च के बीच में 35 हजार लोग बाहर के ऐसे देशों से आए, जहां पर कोरोना वायरस था. शुरुआती दिनों में उनकी कोई स्क्रीनिंग नहीं हुई और वो दिल्ली में फैल गए । इसके बाद लॉकडाउन हुआ, तब हर कोई घरों में बंद था । यही कारण रहा कि दिल्ली में मामले तेजी से बढ़ गए । केजरीवाल बोले कि लॉकडाउन खुला तो कोरोना फैल गया, हमने माना है कि टेस्टिंग, बेड दिल्ली में कम पड़ गए थे, लेकिन अब दिल्ली में बेड की कोई कमी नही है ।
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से परमिशन मिली है, ढाई महीने पहले हमारी सरकार ने ही इस थैरेपी का इस्तेमाल किया था । लोगों को इसको लेकर काफी परेशानी हो रही थी, इसलिए सरकार ने प्लाज्मा बैंक बनाने का फैसला लिया है । वह बोले - कोई अकेला व्यक्ति इस लड़ाई को नहीं जीत सकता है, हमने केंद्र से टेस्टिंग में मदद मांगी । आज दिल्ली में काफी बेड खाली पड़े हैं, केंद्र की मदद से आज 20 हजार टेस्ट हर रोज किए जा रहे हैं । दिल्ली के LNJP केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस का कोई भी हिसाब नहीं लगाया जा रहा है, 23 जून को 4 हजार केस आए, लेकिन उसके बाद फिर कम केस आ रहे हैं । लेकिन आगे कम केस आएंगे या अधिक कोई नहीं कह सकता है, हर कोई तैयारी कर रहा है ।
गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस लड़ाई को साथ में ही लड़ा जा सकता है । जून के पहले हफ्ते में जब केस बढ़े तो हमने होटल में बेड लगवाए, प्राइवेट अस्पतालों से बात की । सीएम ने कहा कि अभी भी कोई कह रहा है कि बारिश के बाद एक बार फिर उछाल आ सकता है ।
केंद्र के रोल को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने PPE किट, टेस्टिंग किट, ऑक्सीजन किट, रेलवे कोच, डॉक्टर और नर्स की सुविधा केंद्र सरकार से मांगी, जो हमें केंद्र सरकार से मदद मिली है । कोई भी एक सरकार कोरोना से नहीं लड़ सकती है, जब अमेरिका ही फेल हो गया है । सीएम ने कहा कि राजनीतिक को साइड रखकर हमें एक साथ लड़ना होगा ।