Thursday, April 25, 2024

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CAB के चलते कांग्रेस - शिवसेना - NCP में पड़ी दरार , भाजपा-शिवसेना के फिर साथ आने के संकेत

अंग्वाल न्यूज डेस्क
CAB के चलते कांग्रेस - शिवसेना - NCP में पड़ी दरार , भाजपा-शिवसेना के फिर साथ आने के संकेत

मुंबई । महाराष्ट्र की शिवसेना - एनसीपी और कांग्रेस वाली गठबंधन सरकार भले ही राज्य स्तर पर अभी शांत हो , लेकिन इन तीनों दलों के बीच राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में दरार पड़ती नजर आ रही है । लोकसभा में मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक का शिवसेना ने समर्थन किया है , जिसके बाद कांग्रेस -NCP ने अपनी नाराजगी जाहिर की है । सूत्रों का कहना है कि यही कारण है कि राज्यसभा में इस विधेयक को लाए जाने से पहले शिवसेना ने यू-टर्न लेते हुए बिल का समर्थन नहीं करने का बयान जारी किया था । हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में शिवसेना अपने हिंदुत्व के मुद्दे से भी खुद को हटाना नहीं चाहती , इसलिए उसने फिर से बयान दिया है कि अगर मोदी सरकार उनके सवालों का जवाब दे देती है तो वह समर्थन कर सकते हैं। नहीं तो उनकी राय अलग भी हो सकती है । इस सब के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्‍य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने संकेत दिए हैं कि भाजपा और शिवसेना फिर से एक पटरी पर आ सकते हैं। जोशी ने मंगलवार को साफ कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा निकट भविष्य में फिर साथ आ सकते हैं।

कांग्रेस के कहे अनुसार नहीं चलना चाहती शिवसेना

असल में लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर अपना समर्थन करने वाली शिवसेना नहीं चाहती कि वह अपने हिंदुत्व के मुद्दे से अलग होते हुए इस विधेयक का विरोध करे , लेकिन महाराष्ट्र में उसके गठबंधन के साथी कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना पर इस बिल का विरोध करने का दबाव बना रहे हैं । शिवसेना नहीं चाहती कि वह इस बिल पर भाजपा का विरोध करते कांग्रेस की पीछे खड़ी पार्टी नजर आए । न ही वह अपने हिंदुत्व के मुद्दे से अलग होना चाहती है । 

सदन में भाजपा के रुख के बाद साफ करेंगे अपना पक्ष

शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार सुबह कहा कि हम इस विधेयक को लेकर राज्यसभा में होने वाली चर्चा और इस मुद्दे पर भाजपा के रुख और नजरिये पर नजर रखे हुए है । उन्होंने सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं अगर जवाब मिल गए तो वह समर्थन देगी । 

एनसीपी -कांग्रेस के बीच गतिरोध जारी


वहीं अगर इस नागरिकता संशोधन विधेयक से इतर महाराष्ट्र में एनसीपी कांग्रेस के साथ शिवसेना की सरकार की बात करें तो वहां भी सब कुछ ठीक नहीं है । एनसीपी अपने कोटे में आई उप मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खुश नहीं है , वहीं कांग्रेस मंत्रीपद को लेकर सहमत नहीं है । यही कारण है कि अभी महाराष्ट्र में गठबंधन के साथियों के बीच गतिरोध नजर आ रहा है । इस सब के बीच नागरिकता संशोधन विधेयक पर अलग अलग विचारधारा होने के चलते विधेयक के समर्थन और विपक्ष में खड़े के चलते गतिरोध बढ़ रहा है । इतना ही नहीं आने वाले समय में कई ऐसे और विधेयक संसद में आएंगे , जिसमें शिवसेना समर्थन करती आई है जबकि कांग्रेस एनसीपी घुरविरोधी नजर आए हैं । 

मनोहर जोशी जता चुके हैं टूट की आशंका

इससे इतर शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी खुद इस बात के संकेत दे चुके हैं । वह कह चुके हैं कि आने वाले समय में भाजपा -शिवसेना फिर से साथ आएंगे । उन्होंने आगे कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे इस मुद्दे पर उचित समय पर फैसला करेंगे। उनका बयान इस लिहाज से अहम माना जा रहा है कि मंगलवार को ही नागरिकता संशोधन बिल (कैब) पर शिवसेना और कांग्रेस के बीच गतिरोध देखने को मिला। हालांकि, बाद में शिवसेना ने यह कहते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए थे कि सबकुछ स्पष्ट होने तक वह कैब का समर्थन नहीं करेगी।

छोटे मुद्दों पर लड़ने की जगह बर्दाश्त करें

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम जोशी ने मंगलवार को कहा, 'छोटे मुद्दों पर लड़ने की जगह बेहतर है कि कुछ बातों को बर्दाश्त किया जाए। जिन मुद्दों को आप दृढ़ता के साथ महसूस करते हैं, उसे साझा करना अच्छा है। अगर दोनों दल साथ में काम करते हैं तो यह दोनों के लिए बेहतर होगा।' जोशी ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि शिवसेना अब कभी भी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। उद्धव ठाकरे सही समय पर सही निर्णय लेंगे।' 

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