मुंबई । महाराष्ट्र में सरकार न बनने की सूरत में राज्यपाल भगत सिंग कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की , जिसके बाद मंगलवार शाम राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया । इस सब के बाद एक बार फिर से सरकार गठन के लिए शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी फिर से सक्रिय हो गए हैं । इस सब के बीच सरकार गठन के लिए तीनों दलों 5-5 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है , जो इस नए गठबंधन के लिए ' कॉमन मिनिमम प्रोग्राम ' के प्रारूप को अंतिम रूप देंगे । इस कमेटी को लेकर NCP नेता अजित पवार ने कहा- राज्य में राष्ट्रपति शासन के बाद एनसीपी का रोल क्या करेगा इस बारे में शरद पवार ने हमें दिशानिर्देश दिए हैं । अजित पवार ने यह भी कहा कि हमारे और कांग्रेस के बीच में तो बहुत जल्दी निर्णय ले लिया जाएगा ।
ये होंगे कमेटी के सदस्यअजित पवार ने बताया कि इस 5-5 सदस्यीय कमेटी में एनसीपी की ओर से मैं , जयंत पाटिल, धनंजय मुंडे, नवाब मलिक और छगन भुजबल कमेटी के सदस्य होंगे । वहीं इस तरह की खबर है कि कांग्रेस की तरफ से इस कमेटी में बालासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, विजय वड्डेटीवार और माणिकराव ठाकरे शामिल होंगे ।
पहले कांग्रेस से होगी बात, फिर शिवसेना से
अजित पवार ने कहा, 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर जहां तक शिवसेना का सवाल है, तो हम पहले अपने गठबंधन के साथी कांग्रेस से इस बारे में पूछेंगे, क्योंकि कांग्रेस और हमारा तो एक ही मेनिफेस्टो था । शिवसेना का घोषणा पत्र अलग था । आज हमारे जितने भी विधायक बैठक में शामिल हुए उन सभी का कहना था कि राज्य में जल्दी से सरकार का गठन हो, यहां तक की मेरा खुद का कहना है कि नया साल शुरू होने से पहले महाराष्ट्र में सरकार बननी चाहिए। एक बार कांग्रेस के साथ अपनी बातचीत पूरी कर लेने के बाद हम शिवसेना से बातचीत करेंगे ।
कांग्रेस ने विधायकों को वापस बुलाया
इस सब से बीच कांग्रेस ने अपने विधायकों को वापस मुंबई बुला लिया है । कांग्रेस विधायकों का कहना है कि आलाकमान जो फैसला करेगा, हम वही मानेंगे । जयपुर के रिजॉर्ट में ये विधायक पिछले कुछ दिनों से रुके हुए थे , हालांकि, कुछ विधायकों ने सीधे तौर पर कहा कि हमें शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए, इसमें विचारधारा आड़े में नहीं आएगी. विधायकों का कहना है कि भाजपा को दूर रखने के लिए किसी के भी साथ जाएंगे ।