नई दिल्ली । राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के रुख को लेकर अब कांग्रेस सख्त रुख अपनाती नजर आ रही है । जयपुर में मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और उसके साथ 19 कांग्रेसी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की सूचना है । इतना ही नहीं कांग्रेस आलाकमान भी सचिन की मांग से सहमत नहीं है । वहीं ऐसे संकेत दिए जा रहे हैं कि सीएम अशोक गहलोत को पद से नहीं हटाया जाएगा , लेकिन सचिन पायलट की अन्य मांगों पर विचार किया जा सकता है । इससे इतर अब गुरुग्राम में मौजूद कांग्रेसी विधायकों ने अपने फोन ऑन कर लिए हैं , जिनसे कांग्रेसी नेताओं की बातचीत शुरू हो गई है । इन नेताओं से लौटने को कहा गया है। इससे इतर , राजस्थान भाजपा ने भी अपना दांव चलते हुए कह दिया है कि वह फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करेगी । हालांकि भाजपा नेता ओम माथुर ने सचिन पायलट को भाजपा में आने का न्योता दिया है । हालांकि उनके समर्थक कुछ नेताओं ने भाजपा में जाने की बातों को पहले ही खारिज कर दिया है ।
बता दें कि जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पास हो गया है कि जो कांग्रेसी नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं , उनके खिलाफ कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा । इस प्रस्ताव की प्रति अब आलाकमान को भेजी जाएगी , जिसके बाद विधिवत रूप से कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा । हालांकि इस समय सचिन पायलट दुविधा की स्थिति में खड़े नजर आ रहे हैं । पार्टी आलाकमान ने साफ कर दिया है वह राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन नहीं करेगी । अब ऐसी स्थिति में जब कांग्रेसी नेताओं ने साफ कर दिया है कि वह अशोक गहलोत के नेतृत्व में वापस लौटने को तैयार नहीं है ।
वहीं सचिन पायलट के समर्थक आधे विधायक बुजुर्ग हैं , जो नहीं चाहते कि अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस के साथ गुजारने के बाद वह अपने राजनीतिक करियर के अंतिम दौर में भाजपाई हो जाएं। वहीं कांग्रेस ने सचिन पायलट की मुख्य मांग को खारिज कर दिया है । हालांकि अभी तक किसी भी कांग्रेसी आलाकमान की ओर से सचिन को कोई फोन नहीं किया गया है ।
इस सबके बीच भाजपा नेता और राजस्थान से तालुक रखने वाले ओम माथुर ने कहा कि सचिन पायलट के साथ राज्य में अच्छा व्यवहार नहीं किया गया है । मौजूदा संकट कांग्रेस का अंदरूनी मामला है । अगर सचिन भाजपा में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत होगा । इसी क्रम में भाजपा ने अभी साफ कर दिया है कि वह मौजूदा समय में फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करेंगे ।
सचिन पायलट के लिए पशोपेश की स्थिति यह है कि अगर वो भाजपा में शामिल होते हैं तो वह कमजोर नेता बनकर उभरेंगे और उनकी पार्टी इस समय उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है । यही कारण है कि अब तक सचिन पायलट मीडिया के सामने नहीं आ रहे हैं । खुद सचिन पायलट अपने लिए कांग्रेस में भी दरवाजे बंद होते देख रहे हैं ।