नई दिल्ली । चीन से साथ जारी विवाद के बीच शुक्रवार को केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लेह के स्टकना में पहुंचे । इस दौरान पैंगॉन्ग झील के पास पैरा कमांडोज ने युद्ध अभ्यास किया , जिसका रक्षामंत्री ने अवलोकन किया । बता दें कि पैंगॉन्ग झील वही इलाका है, जहां सबसे पहले भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आए थे । आज भारत पैंगॉन्ग झील के पास अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है । इतना ही नहीं वायुसेना के कई हेलिकॉप्टर पैंगॉन्ग झील के पास मंडरा रहे हैं । थल सेना और वायु सेना के बीच बेहतर तालमेल के लिए भी यह ऑपरेशन काफी महत्वपूर्ण है । इस दौरान दुश्मनों के टैंक उड़ाने का पूरा अभ्यास किया गया ।
बता दें कि सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ जारी गतिरोध के बाद पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए बातचीत जारी है । पिछले दिनों लगातार 14 घंटे की बातचीत के बाद कुछ मुद्दों पर सहमति बनी तो कुछ पर अभी भी गतिरोध बरकरार है।
विदित हो कि पूर्वी लद्दाख में जब भारत और चीन के बीच विवाद शुरू हुआ था, तब आगरा और दूसरी जगहों से पैरा कमांडोज को लद्दाख भेजा गया था । युद्ध के हालात को देखते हुए पैरा कमांडोज की तैनाती की गई थी । पैरा कमांडोज को ऊंची पहाड़ी वाले इलाके जैसे गलवान घाटी, पैंगॉन्ग लेक और दौलत बेग ओल्डी में युद्ध लड़ने के लिए तैनात किया गया था ।
असल में भारत - चीन के बीच जारी गतिरोध को कम करने की कोशिशों के बीच चीनी सेना कई इलाकों से पीछे भी हट रही है, लेकिन भारत हर मोर्चे पर तैयार है । इस सबके बीच शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लेह का दौरा किया , इस दौरान पैरा कमांडोज ने युद्ध अभ्यास किया । करीब 13 हजार 800 फीट की ऊंचाई से पैरा कमांडोज के इस युद्ध अभ्यास के दौरान वायुसेना के कई हेलिकॉप्टर पैंगॉन्ग झील के पास मंडरा रहे हैं । थल सेना और वायु सेना के बीच बेहतर तालमेल के लिए भी यह ऑपरेशन काफी महत्वपूर्ण है । भारत, चीन को बता रहा है कि हम हर चालबाजी का जवाब देने के लिए तैयार हैं ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये दौरा उस वक्त हो रहा है, जब सीमा में तनाव को लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की बातचीत जारी है. कई मोर्चों पर चीन के वापस जाने की सहमति बन गई है ।