नई दिल्ली । तीस हजारी कोर्ट के साथ ही साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट में पुलिस और वकीलों के साथ हुए गतिरोध के बाद अब जाकर बार काउंसिल का आधिकारिक बयान आया है । बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने बुधवार को कहा कि बार काउंसिल ने उन वकीलों को नोटिस जारी किया है , जो इस हिंसा में शामिल रहे हैं । उन्होंने इस दौरान जोर देते हुए कहा कि मैं इस बात को दोहरा रहा हूं कि हम पुलिसकर्मियों को पीटने वाले और वाहनों में आग लगाने वाले आरोपी वकीलों के खिलाफ एक्शन लेने जा रहे हैं । वहीं उन्होंने दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर जवानों के धरना प्रदर्शन को उन्होंने गैर कानूनी करार दिया ।
विदित हो कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग के मामूली विवाद ने इतना हिंसक रूप धारण कर लिया था कि वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच गतिरोध मारपीट में बदल गया । इसके बाद वकीलों ने कोर्ट में मौजूद पुलिस के वाहनों को आग लगा दी । इतना ही नहीं कई पुलिसकर्मियों को भी जमकर पीटा । इसके वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद पुलिस और वकीलों के बीच गतिरोध बढ़ता गया ।
तीस हजारी कोर्ट में हिंसा होने के बाद साकेत कोर्ट के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट में भी पुलिसकर्मियों को पीटे जाने के वीडियो सामने आए । इन वीडियो के आधार पर बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि काउसिंल हिंसा में लिप्त रहने वाले वकीलों को नोटिस जारी कर चुकी है । इस मुद्दे पर आरोपी वकीलों के खिलाफ हम एक्शन लेंगे । हालांकि इस दौरान उन्होंने पुलिस के जवानों और अफसरों के प्रदर्शन को भी गैरकानूनी करार दिया । उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस के जवान वकीलों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते रहे ।