नई दिल्ली । दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित का शनिवार दोपहर निधन हो गया । वह काफी समय से बीमार थी , शनिवार दोपहर 3.15 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया और उसके कुछ मिनटों बाद उनका निधन हो गया । वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं लेकिन पार्टी के आदेश के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद कबूल करते हुए लोकसभा चुनावों में जमकर चुनाव प्रचार किया था । दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक काबिज रही शीला दीक्षित को पिछले दिनों एक्सकॉर्ट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था । उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और देश के कई नेताओं ने दुख जताया है । शाम 5 बजे उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर ले जाया जाएगा ।
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बता दें कि 81 वर्षीय शीला दीक्षित लोकसभा चुनावों के बाद से अपने स्वास्थ को लेकर परेशान चल रही थीं । इस बीच उनके कई टेस्ट भी हुए और वह नियमित अपने टेस्ट के लिए अस्पताल भी जा रही थीं। पिछले दिनों तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के ही एक्सकॉर्ट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था । उनकी हालत दिनों दिन बिगड़ती जा रही थी । ऐसे में शनिवार दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली ।
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विदित हो कि दिल्ली के बदले स्वरूप के दौरान शीला दीक्षित ही दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं । उन्होंने दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक राज किया , लेकिन राष्ट्रमंडल घोटाले को लेकर उनकी सरकार का काम काफी विवादों में रहा । पिछले दिनों एक बार फिर से लंबे समय बाद उनकी सक्रिय राजनीति में एंट्री हुई थी जब उन्हें दोबारा से दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी । उन्होंने लोकसभा चुनावों में भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के सामने चुनाव भी लड़ा लेकिन वह चुनाव हार गई थीं।
कांग्रेस की कद्दावर नेता रहीं शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था । उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की और फिल दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की । शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद रहीं ।