नई दिल्ली । इन दिनों फोन कॉल के साथ ऐसे बहुत से टूल और एप आ गए हैं, जिसके जरिए आफ फ्री में किसी से भी बात कर सकते हैं । चाहे वह आपके शहर में हो दूसरे शहर में या दूसरे देश में । इस दौरान लोग आपस में कई तरह की बातें करते हैं , इसमें कुछ सामान्य बातें होती हैं तो कुछ लोग काफी निजी बातें भी करते हैं । लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आपकी इन सब बातों को गूगल भी सुन रहा है । इसका दावा हम नहीं कर रहे बल्कि खुद Google ने यह माना है कि कंपनी के कर्मचारी यूजर्स की Voice Recording को सुनकर उसकी समीक्षा करते हैं ताकि वॉयस रिकॉग्निशन को इंप्रूव किया जा सके । गूगल ने यह बात स्वीकार तब की है जब भाषा वैज्ञानिकों ने इन बातों का खुलासा किया था । वहीं गूगल के इस दावे के बाद यूजर्स की निजता और गोपनीयता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं ।
विदित हो कि गूगल वॉइस रिकॉग्नाइज टेक्नोलॉजी का यूज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम से लैस Google Assistant पर करता है। इसका उपयोग गूगल के स्मार्ट स्पीकर और एंड्रॉइड स्मार्टफोन पर होता है। बता दें कि ये असिस्टेंट यूजर्स द्वारा दिए वॉइस कमांड को सुनता है और उन पर रिस्पॉन्स करता है । इसके बाद वह उपभोक्ता को संबंधित जानकारी मुहैया करवाता है ।
असल में बैल्जियम के भाषा वैज्ञानिकों ने यूजर्स द्वारा बनाई रिकॉर्डिंग के स्निपिट्स की जांच के बाद खुलासा किया है कि गूगल के कर्मचारी लोगों की बातें सुनते हैं । रिपोर्ट में कहा गया, “इन रिकॉर्डिग में हम पता और संवेदनशील जानकारी साफ सुन सकते हैं। सामने आया है कि इससे बातचीत में शामिल लोगों की पहचान करना और ऑडियो रिकॉर्डिग से उसका मिलान करना आसान हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार , बहुत से दंपतियों के बीच कहासुनी और बहस के साथ ही कुछ लोगों की निजी बातों की सुना जा रहा है ।
इस रिपोर्ट के बाद गूगल ने भी माना कि उनके कर्मचारी यूजर्स की बातें सुनते हैं । इतना ही नहीं गुगल ने तो यहां तक दावा किया है कि यूजर्स की रिकॉर्डिंग्स इसलिए सुनी जाती है ताकि वॉयस रिकॉग्निशन टेक्नॉलजी को बेहतर किया जा सके ।