नई दिल्ली । देश में नोटबंदी के बाद अब मोदी सरकार एक और चीज पर प्रतिबंध लगाने की रणनीति बना रही है। नोटबंदी की मदद से कालेधन पर लगाम लगाने की रणनीति अपनाने के बाद अब केंद्र सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए एक नई 'बंदी' लेकर आने वाली है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार नोटबंदी के बाद अब 'चेकबंदी' यानी चेकबुक व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करने की रणनीति पर काम कर रही है। सरकार इस मुद्दे पर कभी भी फैसला ले सकती है। इसके पीछे सरकार का धेय डिजिटल ट्राजैक्शन को बढ़ावा देना है।
ये भी पढ़ें- इंडिगो पर फिर मुसीबत, अब दिल्ली के थाने में दर्ज हुआ राष्ट्रद्रोह का मामला, भारतीय करेंसी नहीं लेने पर हुआ था विवाद
क्रेडिट-डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा
बता दें कि गत वर्ष 8 नवंबर को मोदी सरकार ने नोटबंदी कर देश से कालेधन को खत्म करने के लिए एक मुहिम चलाई थी। इसके बाद सरकार ने कैशलेस ट्राजैक्शन को भी बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई लेकिन अब खबर है कि मोदी सरकार नोटबंदी के बाद चेकबंदी का आदेश जारी कर सकती है। असल में अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) का दावा है कि मोदी सरकार जल्द चेकबुक व्यवस्था खत्म कर सकती है। CAIT के जनरल सेकेट्री प्रवीण खंडेलवाल की मानें तो सरकार क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा दे रही है। इस माध्यम को और सुचारू रूप से चलाने के लिए जल्द चेकबुक सुविधा खत्म की जा सकती।
ये भी पढ़ें- मैंने न कभी अपनी पोजिशन का दुरुपयोग किया, न मैं किसी के पैसे लेकर भागा हूं -रॉबर्ट वाड्रा
95% लेनदेन कैश या चेक से
इस दौरान कुछ आंकड़े भी सामने आए हैं, जिसके अनुसार देश में अभी भी 95 फीसदी लेनदेन कैश या चेक से होता है। नोटबंदी के बाद नकद लेन-देन में कमी आई तो चेकबुक का उपयोग बढ़ा। ऐसे में सरकार कैशलेस ट्रांजैक्शन के साथ ही डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए चेकबुक पर प्रतिबंध लगा सकती है। हालांकि इसके लिए सरकार को कानूनी पहल भी करनी होगी। चेक को बैंकिंग कानून में बतौर फाइनेनशियल इंस्ट्रूमेंट शामिल है। लिहाजा, चेक को फाइनेनशियल इंस्ट्रूमेंट की सूचि से बाहर करने के लिए उसे आरबीआई के जरिए बैंकिंग कानून में बदलाव करना होगा।
ये भी पढ़ें- खतना के खिलाफ खड़ी हुईं दाऊदी बोहरा समाज की कई महिलाओं ने पीएम को लिखा पत्र
कैशलेस अर्थव्यवस्था पर जोर
जानकारों कहना है कि देश में नोटबंदी लागू किए जाने से पहले केंद्र सरकार लगभग 25 हजार करोड़ रुपये छपाई और 6 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम करेंसी की सुरक्षा पर खर्च करती थी। इस खर्च को देखते हुए ही केंद्र सरकार देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस में बदलना चाहती है। इसी के चलते पिछले दिनों नोटबंदी के बाद कैशलेस ट्राजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं लाई गईं हैं।
ये भी पढ़ें- तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाएगी मोदी सरकार, कमेटी गठित, शीतकालीन सत्र में पेश होगा बिल