नई दिल्ली । नई दिल्ली । वित्तीय संकट से जूझ रही एयर इंडिया एक बार फिर से सुर्खियों में है । असल में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने लोकसभा में कहा कि सरकार एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी । सरकार इस सरकारी कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली दस्तावेज तैयार कर रही है । विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च निर्धारित की गई है । नई सरकार के गठन के बाद, एयर इंडिया स्पेशफिक अल्टरनेटिव मेकैनिज्म (AISAM) का दोबारा गठन किया गया है । एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया को अप्रूव कर दिया गया है। AISAM ने 100 पर्सेंट हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी दी है।' हालांकि इससे पहले राज्यसभा में वह कह चुके हैं कि एयरलाइंस का निजीकरण नही हो पाने की सूरत में इसे बंद ही करना होगा ।
बता दें कि एयर इंडिया पर फिलहाल करीब 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें विमानों की खरीद और कार्यशील पूंजी हेतु लिए गए दीर्घकालिक कर्ज भी शामिल हैं । इस सब के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने मई 2018 में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) आमंत्रित किया था लेकिन बोली के पहले चरण में किसी ने रुचि नहीं दिखाई । अब सरकार एयरलाइंस की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी । हालांकि पुरी कह चुके हैं कि वो सभी कर्मचारियों के लिए एक सही सौदा तय करेंगे।
विदित हो कि एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का जबरदस्त घाटा हुआ था। हालांकि इससे पहले से ही एयरलाइंस आर्थिक संकट और कर्ज को लेकर परेशान है ।