नई दिल्ली। पाकिस्तान के द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगातार आतंकी वारदातों को अंजाम देने के बावजूद भारत ने बड़ा दिल दिखाया है। 22 सितंबर से न्यूयाॅर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा के दौरान भारत ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री से मुलाकात के लिए हामी भर दी है। हालांकि भारत में केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम को लेकर राजनीति तेज हो गई है। राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि सीमा पर सैनिकों के साथ बर्बरता करने वाले पाकिस्तान के साथ बात क्यों की जा रही है? सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच सिर्फ मुलाकात होगी, कोई औपचारिक बात नहीं होगी।
गौरतलब है कि भारत के द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अगले हफ्ते न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा से इतर अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी से मिलेंगी। बता दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के खत में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात का प्रस्ताव रखा था जिसके बाद भारत ने उसे स्वीकार कर लिया है।
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यहां बता दें कि विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान ऐसा कर दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि वह अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध बेहतर करना चाहता है। वहीं भारत अपनी कूटनीति से पाकिस्तान को एक बार फिर से दुनिया में बेनकाब करना चाहता है।