नई दिल्ली । भारत और चीन के जवानों के बीच तिब्बत की गलवान घाटी में हुई हिंसा से जुड़ी खबरें अब छन छन कर आ रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार , इस हिंसा में शहीद हुए कुछ जवानों के शव क्षत-विक्षत हालात में मिले हैं । यही कारण है कि भारतीय सेना गुस्से में है । कहा जा रहा है कि बटालियन में गुस्से को भड़काने के लिए यह हालात जिम्मेदार रहे । इस दौरान सेना पूरी तरह अलर्ट पर है और तीनों सेना को साथ सीडीएस , रक्षामंत्री पल पल की खबर पर नजर बनाए हुए हैं। इसके साथ ही LAC को लेकर आगे की रणनीति पर भी मंथन जारी है। इस तरह की खबरें आ रही हैं कि अगर जरूरी समझा गया तो लेफ्टिनेंट जनरल स्तर या सेना कमांडर स्तर पर एक और दौर की बातचीत हो सकती है ।
चीन के साथ इस तनावपूर्ण माहौल के बीच भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है । वायुसेना ने पहले से ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में एलएसी और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है ।
वहीं 3500 किलोमीटर की चीन सीमा पर भारतीय सेना की कड़ी नजर है । चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है।
बता दें कि लद्दाख के पैंगोंग त्सो में भारत और चीन की सेनाएं 3 बार आमने-सामने आ चुकी हैं । फेस ऑफ की पहली घटना 5/6 जू की रात को हुई थी । इसके बाद 13 मई और 29 मई को दोनों देशों के जवान भिड़ गए थे । इसका वीडियो भी वायरल हुआ था. सेना की पहली प्राथमिकता इस प्वाइंट पर बातचीत से विवाद सुलझाने की है ।