नई दिल्ली । भारत सरकार ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए साफ कर दिया है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में दखल न दें । भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए अर्दोआन के बयान पर कहा - हम तुर्की नेतृत्व से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने और तथ्यों की उचित समझ विकसित करने की अपील करते हैं, जिसमें पाकिस्तान से भारत और क्षेत्र में आतंकवाद से फैलने वाला गंभीर खतरा भी शामिल है ।
विदित हो कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने शुक्रवार को पाकिस्तान (Pakistan) की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था । इस दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर जितना अहम पाकिस्तान के लिए है उतना ही तुर्की के लिए भी है । संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अर्दोआन ने कहा कि 'हमारे कश्मीरी भाई और बहन दशकों से पीड़ित हैं. हम एक बार फिर से कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ हैं । हमने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में उठाया था । कश्मीर का मुद्दा जंग से नहीं सुलझाया जा सकता । इसे इंसाफ़ और निष्पक्षता से सुलझाया जा सकता है । इस तरह का समाधान ही सबके हक में है । तुर्की इंसाफ , शांति और संवाद का समर्थन करता रहेगा ।