नई दिल्ली । पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों से घिरे भारत के लिए हम समय अलर्ट रहना जरूरी हो गया है। इस बीच एक ऐसी खबर आई है जो भारतीयों के लिए चिंता का एक बड़ा कारण हो सकती है। हाल में कैग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर भारत का किसी शत्रु देश के साथ युद्ध छिड़ जाता है तो सेना के पास महज 10 दिन के लिए ही पर्याप्त गोला-बारूद है। इसके बाद एक और बुरी खबर ये है कि इस समय सेना में बड़ी मात्रा में जवानों और अफसरों की कमी है। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जूनियर कमिशन के रैंकों में 52 हजार से ज्यादा कार्मिक अधिकारियों, नाविकों और वायुसैनिकों की कमी है। सबसे ज्यादा सेना में 25,472 जवानों की कमी है, जिसमें वायुसेना में 13,785 और नौसेना में 13,373 जवानों की कमी है।
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बता दें कि गत दिनों नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने संसद में एक रिपोर्ट रखी थी, जिसमें कई चौंकाने वाला खुलासे हुए थे। रिपोर्ट में बताया गया कि कोई युद्ध छिड़ने की स्थिति में सेना के पास महज 10 दिन के लिए ही पर्याप्त गोला-बारूद है। कुल 152 तरह के गोला-बारूद में से महज 20% यानी 31 का ही स्टॉक संतोषजनक पाया गया, जबकि 61 प्रकार के गोला बारूद का स्टॉक चिंताजनक रूप से कम पाया गया।
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इस रिपोर्ट के चलते सरकार पर सवाल उठ ही रहे थे कि मौजूदा हालात में सरकार के एक और खुलासे ने लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं। रक्षा राज्यमंत्री ने लोकसभा में कहा, इस समय सेना में जवानों और अफसरों की कमी है। हालांकि सरकार ने सुरक्षा जवानों की कमी घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें प्रशिक्षण क्षमता में वृद्धि, निरंतर छवि निर्माण, स्कूलों में प्रेरक व्याख्यान, करियर संबंधी मेले और प्रदर्शनियों में भागीदारी और सशस्त्र सेनाओं में चुनौतीपूर्ण करियर का फायदा उठाने के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए प्रचार अभियान शामिल हैं।'
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