नई दिल्ली । तिब्बत में चीनी सेना के साथ हुई हिंसा के बाद अब भारतीय फौज इलाके में सक्रिय हो गई है । पिछले दिनों भारतीय सेना का घातक भीष्ण टैंक इलाके में तैनात करने के बाद शुक्रवार को अब लेह में भारतीय सेना और वायुसेना ने साझा युद्धाभ्यास किया है । इस युद्धाभ्यास में फाइटर और ट्रांसपोर्ट विमान शामिल हुए । युद्धाभ्यास का मकसद दोनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना था । इस युद्धाभ्यास में सुखोई लड़ाकू विमान और चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल हुए ।
विदित हो कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव के बीच भारतीय सेना और वायुसेना का युद्धाभ्यास काफी अहम बताया जा रहा है । यह अभ्यास कुछ समय चलता रहेगा । हालांकि गत दिनों चीनी सेना के युद्धाभ्यास का भी वीडियो सामने आया था, जिसके बाद अब भारत ने लेह में वायुसेना और थल सेना के बेहतर सामजस्य के लिए यह युद्धअभ्यास किया ।
असल में गलवान घाटी के साथ ही पैंगॉन्ग झील और दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सेना की तैनाती पहले जैसी बनी है । ऐसे में भारत किसी स्तर पर अपनी तैनाती को कम नहीं रखना चाहता है । इस बीच लद्दाख के लेह क्षेत्र में भारतीय सेना और वायुसेना का एक बड़ा युद्धाभ्यास किया । इसमें भारतीय सेना के सुखोई-30 एमकेआई अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने हिल्ला लिया तो सेना की रसद सामग्री और सिपाहियों को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए हरक्यूलिस और अलग-अलग मालवाहक विमान भी हिस्सा लिया ।
इस युद्धाभ्यास में चिनूक हेलिकॉप्टर, मी-17 हेलिकॉप्टर भी हिस्सा ले रहे हैं । युद्धाभ्यास के दौरान सुखोई-30 ने आसमान में सुरक्षा घेरा बनाया, जिसके बाद सेना के मालवाहक विमान रसद, तोपें और सिपाहियों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने का कोआर्डिनेशन ऑपरेशन चल रहे हैं।