नई दिल्ली । भारत और चीन के बीच पिछले दिनों गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में जहां भारत के 20 जवान शहीद हुए थे , हालांकि भारतीय जवानों ने चीन के करीब 45 जवानों को भी ढेर कर दिया था । इस हिंसा के बाद दोनों देशों के आला अधिकारी लगातार तनाव कम करने के प्रयास कर रहे हैं। लेकिन चीन इस दौरान धोखा देने से बाज नहीं आ रहा है , जहां चीन ने बातचीत में पीछे हटने की बात मानी , वहीं गलवान घाटी के करीब उसकी नई साजिश जारी है । ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में सामने आया है कि जिस जगह से भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ा था , एक बार फिर से वहां चीन ने अपनी मौजूदगी और मजबूती के साथ पेश की है ।
इतना ही नहीं गलवान घाटी से इतर चीन की ओर से पैंगोंग लेक के पास कुछ अन्य मोर्चों पर अपनी सेना की मौजूदगी और साजो-सामान को बढ़ाया गया है । इन गतिविधियों ने एक बार फिर से चीन के दोहरे चरित्र को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखा है ।
सैटेलाइट तस्वीरों को देखने के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राउंड जीरो की नई सैटेलाइट तस्वीरों से साफ हुआ है कि 15 जून के बाद 22 जून को अब दोनों सेनाओं की ओर से नए टेंट लगाए गए हैं । 22 जून को ही की सेनाओं के कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। उस दिन ली गई तस्वीरों से पेट्रोल प्वॉइंट 14 के पास चीनी सेना का नया फॉरवर्ड बिल्ड-अप दिखता है । सैटेलाइट तस्वीर में इस प्वॉइंट के पीछे चीनी पक्ष की ओर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य दिख रहा है ।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बात साफ हो गई है कि चीन ने बातचीत के बाद भले ही पीछे हटने की बात मानी हो , लेकिन ग्राउड जीरो पर चीन पीछे नहीं हटा है । इतना ही नहीं उसने उस जगह पर पहले से ज्यादा तंबु लगाने के साथ ही अपनी स्टोरेज क्षमता को भी बढ़ा लिया है ।