नई दिल्ली । मध्य प्रदेश में जारी सियासी हंगामे के बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जहां कमलनाथ सरकार के फ्लोर टेस्ट को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की दायर याचिका पर सुनवाई हो रही है। कांग्रेस के वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया है कि इस मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजना चाहिए , क्योंकि मध्य प्रदेश जैसी स्थिति इससे पहले कर्नाटक और गुजरात में भी आ चुकी है । दुष्यंत दवे ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव का हवाला दिया । इसके साथ ही कांग्रेस के वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई है कि अभी दुनिया मानवता के सबसे बड़े संकट कोरोना से जूझ रही है, ऐसे में क्या इस वक्त बहुमत परीक्षण कराना जरूरी है? अब इस मामले पर सुनवाई दोपहर बात होगी । इससे पहले कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को हिरासत में लिए जाने पर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ ।
फ्लोर टेस्ट संबंधी याचिका पर सुनवाई जारी
बता दें कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर गहराए संकट के बादल एक बार फिर से गहरा गए हैं । पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की फ्लोर टेस्ट संबंधी याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है । भाजपा नेता ने अदालत में गुहार लगाकर कमलनाथ सरकार का बहुमत परीक्षण जल्द करवाने की मांग की है. दूसरी ओर मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यपाल लालजी टंडन के बीच चिट्ठियों का आदान-प्रदान जारी है ।
कांग्रेस और भाजपा के वकील आमने सामने
सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश के मसले पर कांग्रेस और भाजपा के वकील आमने-सामने आ गए हैं । भाजपा की ओर से पेश हो रहे मुकुल रोहतगी के कोर्ट को इंतजार कराने पर कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि आप अदालत को 50 मिनट इंतजार करवा रहे हैं और बीच में आकर टोक भी रहे हैं । फिर आप अपने आप को देश का बड़ा वकील बता रहे हैं । वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही मुकुल रोहतगी की ओर से कहा गया कि वो AGR के मामले में सुनवाई के लिए जाना चाहते हैं, जिसके बाद अदालत ने उनकी बात मान ली । अब मध्य प्रदेश के मसले पर दोपहर बाद सुनवाई होगी ।