मुंबई । महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए बन रहा नया गठबंधन अपनी मंजिल पर पहुंचता नजर नहीं आ रहा है । शिवसेना के बाद अब राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार गठन का आमंत्रण दिया है, जिसके लिए उन्हें भी 24 घंटे का समय दिया गया है । लेकिन इससब के बीच सरकार गठन के फॉर्मूले को लेकर तीनों दलों में कोई आम सहमति बनती नजर नहीं आ रही है । शरद पवार से किंग मेकर की चाबी छीनने वाली सोनिया गांधी को अंतिम समय में एनसीपी प्रमुख ने फिर से अपने कब्जे में कर ली है । असल में कांग्रेस सोमवार देर शाम जब शिवसेना को गठबंधन देने के लिए मन बना बैठी थी तो पवार ने सोनिया गांधी को संदेश दिया कि अभी उद्धव ठाकरे की ओर से उनके पास सरकार गठन का कोई फॉर्मूला नहीं भेजा गया है , ऐसे में वह जल्दबाजी के मूड में नहीं हैं और अभी सरकार गठन को लेकर वह कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते ।
इसके बाद जब शरद पवार से सवाल पूछा गया कि कांग्रेस उनके साथ बातचीत करना चाहती है तो उन्होंने कहा कि किसने कहा , उनके पास तो ऐसा कोई संदेश नहीं है । इस सब के चलते तीनों दलों के बीच काफी दूरी भी नजर आ रही है , जो गठबंधन बनने के लिए काफी बाधक है । तीनों दलों के मुखिया सरकार गठन को लेकर सधी चाल में एक दूसरे से बात भी नहीं कर पा रहे हैं । एनसीपी का कहना है कि अभी यह तय नहीं हुआ कि आखिर सरकार गठन का स्वरूप क्या होगा । इस सब के बीच पवार अपना पावर प्ले चलाते नजर आ रहे हैं ।
शिवसेना की स्थिति का लाभ उठाना चाहती है एनसीपी
असल में जिस प्रकार शिवसेना ने अपनी मांग पर अड़ते हुए भाजपा को पानी पिलाया , उसी तर्ज पर अब एनसीपी अपनी कुछ बातों को लेकर शिवसेना की सरकार गठन के मुद्दे पर अड़ती नजर आ रही है । असल में एनसीपी चाहती है कि सरकार गठन से पहले ही सरकार में सीएम के नाम , स्वरूप , और मंत्री पद के बंटवारे के साथ ही स्पीकर को लेकर भी स्थिति स्पष्ट हो जाए । इतना ही नहीं जहां शिवसेना आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने के पक्ष में है , वहीं एनसीपी साफ कर चुकी है कि उसे आदित्य ठाकरे स्वीकार नहीं , कोई वरिष्ठ नेता राज्य का सीएम बने , ताकि वह गठबंधन की इस सरकार को सही से चला सके ।
बदले बदले से नजर आए पवार
असल में एनसीपी सरकार गठन का हिस्सा बनना तो चाहती है लेकिन सरकार गठन के लिए अपना समर्थन पत्र देने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती । सोमवार सुबह के बाद अब मंगलवार को पवार के अंदाज भी बदले बदले नजर आ रहे हैं । राज्यपाल ने इस समय एनसीपी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है , जिसके बाद से एनसीपी ने संकेत दिए हैं कि शायद वह सरकार न बना पाएं । लेकिन शिवसेना - कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की जुगत में एनसीपी और कांग्रेस के नेताओँ के बीच बैठकों का दौर जारी है । मीडिया के पूछे गए सवालों पर पवार ने कहा कि कांग्रेस उनसे बात करनी चाहती है लेकिन उन्हें इसका पता नहीं , लेकिन इसके थोड़े ही देर बाद सोनिया गांधी ने उनसे फोन पर बात की , जिसमें सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई । इस सब के बाद वेणुगोपाल को मुंबई भेजने के निर्देश हुए हैं ।
कांग्रेस का पशोपेश जारी
असल में शिवसेना को समर्थन देने में कांग्रेस के भीतर एक पशोपेश की स्थिति बनी हुई थी , लेकिन एनसीपी को समर्थन देने के मामले में वह तेजी के कार्यवाही कर रही है । एनसीपी को समर्थन देने में वैचारिक मतभेद भी बीच में नहीं आ रहे हैं , और दोनों दल शिवसेना को साथ लेकर सरकार भी बना सकते हैं ।