मुंबई । महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के सहयोगी दल, अब तक कई मुद्दों को लेकर आपस में उलझ चुके हैं । एक बार फिर से उनके बीच तनातनी की खबरें हैं । ऐसी सूचना मिल रही है कि महाराष्ट्र में 2 मई से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर या NPR लागू होने जा रहा है। ऐसे समय में जब पूरे देश में नागरिकता संशोधन एक्ट CAA और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण NRC को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी हैं , उद्धव ठाकरे सरकार का एनपीआर को हरी झंडी दिखाना शिवसेना से इतर अन्य दोनों दलों (एनसीपी और कांग्रेस) को खल रहा है ।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए , एनआरसी और एनपीआर को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी हैं । देशव्यापी विरोध के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 मई से 15 जून तक एनपीआर के तहत सूचनाएं इकट्ठा करने की अधिसूचना जारी की है। वहीं महाराष्ट्र के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (आरजीसीसी) के कार्यालय ने एनपीआर और जनगणना को लेकर राज्य के अधिकारियों के साथ 6 फरवरी को एक बैठक की और दोनों प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए लगभग 3.34 लाख कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसे लेकर राज्य सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी।
इस सब के बीच खबर है कि महाराष्ट्र में एनपीआर लागू करने को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की महाविकास अघाड़ी में तनातनी शुरू हो गई है । जहां कांग्रेस सीएए, एनआरसी और एनपीआर का लगातार विरोध कर रही है , वहीं एनसीपी ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है । नसीपी नेता और मंत्री अनिल देशमुख ने एनपीआर के विरोधियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कहा था कि सरकार कानून विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर रही है।