नई दिल्ली । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले में जेल जाने के बाद से लगता है उनके परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। परिवार में मतभेद को लेकर उड़ रही खबरों को लालू की बेटी मीसा भारती ने सोमवार पुष्ट कर दिया है। मीसा ने कहा कि हमारे परिवार में भाई-भाई में मनमुटाव है। बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार में बेटों के बीच मनमुटाव की खबरें तो कई बार सामने आईं लेकिन इस तरह कभी किसी परिजन ने मनमुटाव की बातों का कबूल नहीं किया था, लेकिन अब मीसा भारती ने दोनों भाइयों के बीच मनमुटाव की बातों को मानते हुए कहीं न कहीं पार्टी को कमजोर किया है। उनका बयान ऐसे समय पर आया है जब पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने (राष्ट्रीय जनता दल) आरजेडी में अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के बढ़ते रसूख के बीच अपनी उपेक्षा करने का आरोप लगाया था। हालांकि, बाद में तेज प्रताप ने तेजस्वी से किसी तरह के विवाद होने की बात से इनकार करते हुए कई बयान दिए।
फिर बचाव में बोलीं- मनमुटाव कहां नहीं होता
लालू यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने अपने दोनों भाइयों तेजस्वी यादव व तेज प्रताप यादव के रिश्तों को लेकर यह बयान उस समय दिया जब उनसे तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच चल रही खटपट को लेकर सवाल किए गए। मनेर में आयोजित लिट्टी-चोखा पार्टी के दौरान जब मीसा भारती से ये सवाल किए गए तो उन्होंने कहा है कि मनमुटाव कहां नहीं होते हैं। उन्होंने साफ किया कि थोड़ा बहुत मनमुटाव कहां नहीं होता है। अपनी बात को समझाने के लिए मीसा ने हाथ की पांचों अंगुली बराबर नहीं होने का उदाहरण भी दिया।
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कही साजिशकर्ता पीठ में खंजर मारते हैं- मीसा
जब मीसा से परिवार में भाइयों के बीच मतभेदों को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने भाइयों से इतर मुद्दा पार्टी की ओर मोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी एक बहुत बड़ा दल है। लेकिन एक बार फिर वह कुछ साजिशों का हवाला देतीं नजर आईं। उन्होंने कहा कोई विरोधी सामने से नहीं आता है, सब पीठ-पीछे से खंजर मारते हैं। मीसा ने कहा कि सामने आकर कोई लड़े तो हम झांसी की रानी की तरह लड़ लेंगे, जबकि पीठ में कोई खंजर मारेगा तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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पार्टी के आगे नेतृत्व का संकट
जब तक लालू यादव खुद राजनीति में सक्रिय रहे और सत्ता के केंद्र में रहे तब तक किसी ने पार्टी के भीतर भी उन्हें चुनौती देने की कोशिश नहीं की, हालांकि लालू के भाइयों में भी वजूद को लेकर संघर्ष चलता रहा है। जब तक लालू सक्रिय रहे तब तक बेटों से लेकर भाइयों के मसले हमेशा दबते रहे। लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में उनके सामने पार्टी में सत्ता हस्तांतरण की चुनौती सामने आई। तब लालू ने अपने दोनों बेटों और बड़ी बेटी को अलग-अलग भूमिकाएं दे दीं। तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने तो तेज प्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री । इसी क्रम में मीसा भारती को राज्यसभा में जगह दे दी गई। बावजूद इसके, लालू ने रिमोट कंट्रोल अपने हाथ में ही रखा। लेकिन जब अचानक लालू प्रसाद जेल चले जाने के बाद से इस सयम पार्टी में नेतृत्व की कमी नजर आ रही है।
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तेज प्रताप ने खुद को साबित किया!
हालांकि पीछे कुछ दिनों की राजनीति पर नजर डालें तो पिता की गैरमौजूदगी में तेजप्रताप ने पार्टी का नेतृत्व करने की कोशिश की। यहां तक की वह उपचुनावों में जीतने में भी कामयाब रहे। लेकिन इस सब के बीच तेज प्रताप के बागी बयानों ने साफ कर दिया है कि पार्टी के भीतर निर्विवादित रूप से नेता के रूप में उभर रहे तेजस्वी को परिवार की कसौटी पार करके आगे का सफर तय करना होगा।
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राबड़ी की पसंद हैं तेज प्रताप
बता दें कि 2015 में लालू प्रसाद ने छोटे बेटे तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री पद पर बैठाने में पूरी मदद की। इससे साफ हो गया था कि वह अपने उत्तराधिकारी के तौर पर तेजस्वी को देखते हैं, लेकिन राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू की पत्नी राबड़ी देवी की पंसद बड़े बेटे तेज प्रताप हैं। अब आरजेडी सूत्रों का दावा है पिछले कुछ महीने में तेजस्वी इतना आगे जा चुके है, जहां इस तरह की बात की जगह नहीं रही।
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