नई दिल्ली । भले ही लाखों किमी दूर मंगलग्रह तक की एक - एक गतिविधि की जानकारी दुनिया भर के लोगों को रहती है , लेकिन चीन से पनपा एक वायरस इन दिनों बड़े बड़े वैज्ञानिकों की कड़ी परीक्षा ले रहा है । दुनिया भर में इस महामारी की चपेट में आकर मरने वालों का आंकड़ा 27 हजार के पार पहुंच गया है । दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था धड़ाम हो चुकी है और कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है । इस सबके बीच दहशत और इस महामारी से राहत की एक और बड़ी खबर आई है । वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है कि जैसे ही आने वाले दिनों में तापमान बढ़ेगा, कोरोना के कहर में कमी आएगी । ऐसे में एशिया के कई देशों में जहां अब गर्मी पड़ने वाली है , उन देशों के लिए यह अच्छी खबर है , लेकिन दुनिया के कई देश जहां अब सर्दी पड़ेगी , उनके लिए आफत बरकरार रहेगी ।
बता दें कि कोरोना से आज पूरी दुनिया संक्रमित है । दुनिया की महाशक्तियां तक इस महामारी के आगे झुक गई हैं । इन सबके बीच एक वैज्ञानिक अध्ययन से थोड़ी राहत की सांस ये दुनिया ले सकती है । मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एमआईटी की एक स्टडी में ये बात सामने आ रही है कि अगर गर्मी बढ़ेगी तो हो सकता है कि कोरोना के कहर में कमी आए । वैज्ञानिकों का कहना है कि इस स्थिति में सबसे पहले और सबसे तेज राहत अगर कोई दे सकता है तो वह है मौसम ।
दुनिया की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी और संस्थानों से ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि जहां जहां तापमान बढ़ेगा वहां से कोरोना की दहशत कम होगी। भारत की बात करें तो आने वाले दिनों में भारत में गर्मी का मौसम आने वाला है । आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने के साथ ही कोरोना से बचने की उम्मीदें भी बढ़ेंगी।
इंस्टीट्यूट के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक मौसम अगर गर्म और नमी भरा होगा तो इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बहुत कम हो जाएगी । जिन देशों में तापमान का पारा 3 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा और नमी 4 से 9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही, वहां कोरोना वायरस के मामले 90 फीसदी पाए गए हैं , जबकि जिन देशों में पारा 18 डिग्री से ज्यादा रहा और नमी 9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा रही वहां पर ऐसे मामले 6 फीसदी ही सामने आए।
अमेरिका और यूरोप के तमाम देशों में जितनी बर्बादी कोरोना से आई है, उनकी तुलना में भारत के लिए राहत की बात है कि 130 करोड़ की आबादी में कोरोना के मामले भी कम हैं और मौत का आंकड़ा भी. ऐसे में अगर एमआईटी की रिपोर्ट सही निकलती है तो भारत के लिए इससे बड़ी राहत की बात नहीं होगी । गर्मी आते ही लोग परेशान हो जाते हैं, लेकिन इस बार माहौल ऐसा है कि हम उसका स्वागत करेंगे । क्योंकि हो सकता है कि कोरोना के वायरस के खिलाफ वही सबसे बड़े इलाज के रूप में सामने आ जाए ।
अमेरिका में ही ये अध्ययन गर्म और ठंडे इलाके में कोरोना के कहर में भेद कर देता है । अमेरिका के उत्तरी राज्यों में ठंड ज्यादा है तो वहां दक्षिण के गर्म राज्यों की तुलना में कोरोना के मामले दोगुना आए. इस रिसर्च में ये भी कहा गया है कि भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और अफ्रीकी देशों में कोरोना के मामले इनके गर्म मौसम के कारण कम आए ।