नई दिल्ली । देश की एयरलाइंस कंपनियां इस समय बेहत खराब दौर से गुजर रही हैं। पिछले दिनों जेट एयरवेज के बंद होने के बाद अब एयर इंडिया की हालत भी खस्ता हो गई है । एयर इंडिया के पास अक्टूबर के बाद अपने स्टाफ को सैलरी देने तक की रकम नहीं है । इस सब के बीच नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा कि एयर इंडिया का निजीकरण किया जाएगा । एयरलाइंस को प्रतिदिन 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है । एयर इंडिया का कर्ज और इसके परिचालन का खर्च बहुत ज्यादा है । ऐसे में सरकार इसका निजीकरण करेगी । एअर इंडिया को इस वित्त वर्ष में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करना है । कंपनी ने इस पर सरकार की मदद मांगी थी, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया । सरकार इस एयरलाइन में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है।
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बता दें कि एयर इंडिया को एक महीने में 300 करोड़ रुपये कर्मचारियों को वेतन के रूप में देने होते हैं। इतना ही नहीं, मई माह में भी एयर इंडिया के कर्मचारियों को वेतन 10 दिनों की देरी से मिला था। दरअसल इस वित्त वर्ष एयर इंडिया 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करने पर काम कर रही है। इसके लिए कंपनी ने सरकार से मदद मांगी है। हालांकि उसके स्वीकार होने की संभावना कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार इस कंपनी में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है।
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राज्यसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि एअर इंडिया को पाकिस्तानी उड़ान क्षेत्र में प्रवेश पर पाबंदी के कारण भी नुकसान हुआ है । दरअसल, पुलवामा में बीते 14 फरवरी को आत्मघाती बम विस्फोट के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कारण भारतीय उड़ानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया था । मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस वजह से एअर इंडिया को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है ।
सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने एयर इंडिया को सात हजार करोड़ रुपये की सॉवरन गारंटी दी थी, जिसमें से कंपनी के पास अब सिर्फ 2,500 करोड़ रुपये ही बचे हैं। इस 2,500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी तेल कंपनियों और हवाईअड्डों के संचालकों सहित विक्रेताओं का बकाया चुकाने और कुछ महीनों के लिए वेतन का भुगतान करने के लिए करेगी।