नई दिल्ली । केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह देश से देशद्रोह का कानून खत्म करने नहीं जा रही है । गृह मंत्रालय ने इस बारे में अपना रुख साफ कर दिया है । गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि देशद्रोही, अलगाववादी और आतंकवादी तत्वों से निपटने के लिए इस कानून का रहना आवश्यक है । ऐसे में इसे किसी भी हालत में खत्म नहीं किया जाएगा । हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 2 अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी करते हुए ऐलान किया था कि अगर उनकी सरकार केंद्र की सत्ता में आई तो वह राजद्रोह के कानून को खत्म कर देगी । कांग्रेस के अपने घोषणापत्र के पेज नंबर 34 पर लिखा था - भारतीय दंड सहिता की धारा 124 ए (जो कि राजद्रोह के अपराध परिभाषित करती है) जिसका कि दुरुपयोग हुआ है, और बाद में नए कानून बन जाने से उसकी महत्ता भी समाप्त हो गई है उसे खत्म किया जाएगा ।
राज्यसभा में गृहमंत्रालय ने किया साफ
बुधवार को लिखित बयान में गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार देशद्रोह कानून पर अपना स्टैंड बरकरार रखेगी । जब पूछा गया कि क्या सरकार ब्रिटिश काल से चले आ रहे आईपीसी के सेक्शन 124ए को हटाने की कोशिश कर रही है तो गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, ''देशद्रोह से जुड़े कानून को खत्म करने का कोई प्रावधान नहीं है. राष्ट्र विरोधी, आतंकियों और पृथकतावादियों से निपटने के लिए इस कानून का होना जरूरी है।
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कांग्रेस ने किया था कानून हटाने का समर्थन
बता दें कि लोकसभा चुनावों के दौरान सियासी चालों के दौर में देश से देशद्रोह कानून को खत्म करने का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस इसके समर्थन में आई थी । कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इसे हटाने का समर्थन किया था । हालांकि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को प्रचंड हार मिली , लेकिन इस मुद्दे को लेकर सरकार ने संसद में अपना रुख साफ कर दिया है । गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारतीय दंड सहिता की धारा 124 ए देश में आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में एक अहम कानून साबित हो रहा है । इसे हटाया नहीं जा सकता ।
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पीएम मोदी ने कसा था विरोधियों पर तंज
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, 'कांग्रेस कहती है कि वो हमारे सैनिकों को मिला सुरक्षा कवच, उनको मिला विशेष कानून ही हटा देगी । कांग्रेस कह रही है कि वो देशद्रोह का कानून ही हटा देगी । उन्होंने कांग्रेस पर सुरक्षाबलों के खिलाफ होने का भी आरोप लगाया था। मोदी ने इस दौरान कहा था कि कांग्रेस चाहती है कि भारत के टुकड़े-टुकड़े होने का नारा लगाने वाले, मां भारती को गाली देने वाले, नक्सलियों को मदद देने वाले, हमारे वीर जवानों को पत्थर मारने वाले मौज में रहें और जान हथेली पर रखने वाले हमारे वीर जवान, कोर्ट कचहरी में केस भुगतते रहें।
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आखिर क्या है यह कानून
भारतीय कानून संहिता (आईपीसी) की धारा 124A में देशद्रोह की दी हुई परिभाषा के मुताबिक, अगर कोई भी शख्स सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है या फिर ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, या राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो उसे आजीवन कारावास या तीन साल की सजा हो सकती है।