नई दिल्ली । यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा पिछले दिनों 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद जहां बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर जमकर कटाक्ष किए थे, वहीं अब योगी सरकार के इस फैसले पर केंद्री की मोदी सरकार भी खड़ी होती नजर आ रही है । मोदी सरकार ने योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले को गैर-कानूनी करार दिया है । असल में राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने सदन में कहा कि ऐसा करना कानूनी रूप से उचित नहीं है । यह पूरी तरह असंवैधानिक है क्योंकि यह संसद का विशेषाधिकार है और यह किसी भी विधि न्यायालय में मान्य नहीं है । हम योगी सरकार से इस फैसले को वापस लेने का अनुरोध करेंगे ।
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पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती के योगी सरकार के इस फैसले के विरोध में खड़े होने के बाद बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को राज्यसभा के शून्यकाल के दौरान यूपी की 17 जातियों को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत अनुसूचित जाति की लिस्ट में डालने का मुद्दा उठाया । उन्होंने इस दौरान कहा - यूपी सरकार ने तीन दिन पहले इन 17 जातियों को OBC की लिस्ट से बाहर कर दिया है । अब इन अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट देने के लिए कहा गया है जो कि पूरी तरह से गैर संवैधानिक है । मिश्रा ने कहा - यह इन 17 जातियों के साथ धोखा है क्योंकि यह जातियां ओबीसी से भी हट गईं और अनुसूचित दायरे में बिन संविधान में बदलाव किए आ नहीं सकतीं । बसपा सांसद ने मांग की संविधान के तहत इन जातियों को अनुसूचित जातियों का दर्जा दिया जाए और यूपी सरकार को केंद्र आदेश वापस लेने के लिए एडवाइजरी जारी करे ।
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सतीश चंद्र मिश्रा के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री थवरचंद गहलोत ने कहा कि किसी जाति को किसी अन्य जाति के वर्ग में डालने का काम संसद का है । अगर यूपी सरकार ने इन जातियों को ओबीसी से एससी में लाना चाहती है तो उसके लिए प्रक्रिया है और राज्य सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव भेजेगी तो हम उस पर विचार करेंगे. लेकिन अभी जो आदेश जारी किया है वह संवैधानिक नहीं है, क्योंकि अगर कोई कोर्ट में जाएगा तो वह आदेश निरस्त होगा ।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश जारी किया है । इन 17 जातियों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, वाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी और मछुआरा शामिल हैं ।