नई दिल्ली । कोरोना महामारी को लेकर पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया तो देशवासी सकते में आ गए। हालांकि 'जान है तो जहान है' के संदेश मिलने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया । लेकिन अब लोग लॉकडाउन की समयसीमा को लेकर चर्चाएँ करने लगे हैं । इसी बीच खबर है कि लॉकडाउन को बढ़ाने - हटाने को लेकर 16-सदस्यीय मंत्री समूह (GOM) की एक बैठक हुई है , जिसमें इस मुद्दे पर गहन मंथन हुआ । कोरोना महामारी की स्थिति के बीच सरकार का मानना है कि देश में तीसरे चरण में प्रवेश कर चुके कोरोना वायरस से पूरी तरह से निपटने के लिए देश के पास पर्याप्त उपकरण नहीं है। ऐसे में इस लॉकडाउन को बढ़ाया जाना जरूरी है । हालांकि ऐसी खबरें भी मिल रही हैं कि सरकार अनिवार्य वस्तुओं का दायरा बढ़ा सकती है। लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी , लेकिन लोगों के एक स्थान पर जुटना प्रतिबंधित रहेगा ।
राजनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक , शाह भी हुए शामिल
बता दें कि कोरोना वायरस देश के कुछ हिस्सों में तीसरे चरण में पहुंच गया है , जिसके चलते संक्रमित लोगों और मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है । इस सबके मद्देनजर गत 3 अप्रैल को केंद्रीय रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में 16-सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) की एक बैठक दिल्ली में आयोजित हुई । इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत सभी मंत्री समूह के नेता मौजूद थे ।
संक्रमण के क्रम को तोड़ना अहम
इस बैठक में कोरोना वायरस से देश में मौजूदा स्थिति पर मंथन हुआ । इसके साथ ही आगामी 15 अप्रैल तक लागू लॉकडाउन को हटाने और बढ़ाने के मुद्दे पर भी मंथन हुआ । सरकार का मानना है कि तीसरे चरण में दाखिल हो चुके वायरस के संक्रमण को कम्यूनिटी के बीच जाने से बचाने के लिए देश में अभी लॉकडाउन की जरूरत है । यह सब दूसरे लॉकडाउन की ओर इशारा करता है , लेकिन इस दौरान सरकार ने देशवासियों को कुछ राहत देने पर भी विचार किया है ।
कुछ इस तरह की मिल सकती है राहत
सूत्रों के अनुसार , इस मंथन बैठक में लोगों को राहत देने पर भी विचार किया गया है । ऐसी संभावना है कि सरकार इससे संबंधित ऐलान भी कर सकती है , जिसमें आगामी 15 अप्रैल को सरकार प्रतिबंधों को सशर्त उठाने की घोषणा कर सकती है । -इसके साथ ही आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी जारी रहेगी, लेकिन लोगों के एक जगह पर जुटान पर देशव्यापी प्रतिबंध रहेगा ।-इस दौरान सिनेमा हॉल, फूड कोर्ट, रेस्तरां और धार्मिक स्थान बंद ही रहेंगे , लेकिन मॉल खुल सकते हैं ।
-पहले की ही तरह अनिवार्य वस्तु के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होगा ।
-हवाई यात्रा सेवाएं फिर से शुरू हो सकती है ।
- इसके साथ ही लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए कुछ खास एडवाइजरी जारी की जाएगा ।
- देश के साप्ताहिक बाजारों पर प्रतिबंध जारी रहेगा ।
-इस दौरान वह संस्थाएं , जिनका काम घर बैठे हो सकता है , उनके लिए इस व्यवस्था को करीब 1 महीने और बढ़ाने जाने की एडवाजरी जारी हो सकती है ।
-ऐसी संभावना है कि सामान्य जुखाम - बुखार या अन्य बीमारियों में मरीजों को ऑनलाइन सुविधा मुहैया करवाए जाने की व्यवस्था सामने आए , ताकि अस्पतालों में मरीजों की भीड़ न लगे ।
बहरहाल , हाल में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो सोशल मीडिया में जारी हुआ है , जिसमें वह अपने अधिकारियों को 15 अप्रैल से लॉकडाउन हटाए जाने के संबंध में चर्चा करते हुए और उनके लोगों के एकाएक सड़कों पर उतर आने से बचने के लिए सुझाव मांगते नजर आ रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय आगामी 10 अप्रैल को कोरोना वायरस की स्थिति से जुड़ा आंकड़ा एक बार फिर से जारी करेगा , जिसके बाद काफी हद तक साफ हो जाएगा कि आने वाले दिनों में देश की स्थिति और कोरोना को लेकर सख्ती पर सरकार क्या रुख अपनाने वाली है । ऐसी खबरें भी हैं कि यूपी में चार चरणों में इस लॉकडाउन को हटाया जाएगा। शुरुआती चरण में सरकार उन जिलों को राहत देगी , जहां से कोरोना संक्रमित मरीजों की आंकड़ा नहीं आया है । धीरे धीरे यह छूट अन्य जिलों में बढ़ेगी ।
सीएम योगी ने पिछले दिनों अपनी एक बैठक में कहा सरकार पहले चरण में छूट पर फैसला लेगी और जनप्रतिनिधियों के सुझाव के बाद ही संगठनों और संस्थानों को छूट देगी । सामाजिक दूरी के बारे में जनता को जागरूक करना और सार्वजनिक स्थानों पर इसे लागू करना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता होगी ।
वहीं दिल्ली की आप सरकार ने मॉल, मल्टीप्लेक्स और चांदनी चौक, लाजपत नगर और सरोजनी नगर जैसे भीड़ भरे बाजार बंद रखने का फैसला किया है । केवल आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को खुला रहने दिया जाएगा । इस दौरान किसी भी प्रकार के समारोह की अनुमति लोगों को नहीं दी जाएगा । स्कूल बंद रहेंगे और बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी।
सरकारी और निजी कार्यालयों में कामकाज दोबारा खोला जा सकता है , लेकिन दफ्तरों में स्टाफ को कम से कम रखने की प्राथमिकता होगी , जिन संस्थानों में घर से बैठकर काम हो सकता है, उन संस्थानों से अपील की जाएगी ।