Saturday, April 20, 2024

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मोदी सरकार ने 312 केंद्रीय कर्मचारियों पर गिराई 'बिजली' , लापरवाही - कामचोरी के चलते किया जबरन रिटायर

अंग्वाल न्यूज डेस्क

मोदी सरकार ने 312 केंद्रीय कर्मचारियों पर गिराई

नई दिल्ली । देश में भ्रष्ट और कामचोर कर्मचारियों के लिए लद गए हैं। केंद्र की मोदी सरकार के साथ ही यूपी और दिल्ली की सरकारों ने भी अपने कार्मिक विभागों को ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने के लिए कहा है । इस सब के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने काम में लापरवाही बरतने वाले 312 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है । सरकार ने इन अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है । इसमें कई सीनियर अधिकारियों के साथ ही संयुक्त सचिव स्तर के भी अधिकारी है, जिन्हें जबरन रिटायर कर दिया गया है । भ्रष्टाचारी और कामचोर अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने ग्रुप बी के 187 कर्मचारियों को हटाया गया है । जबकि ग्रुप ए के 125 अफसरों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जबरन रिटायर कर दिया है ।

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सत्यनिष्ठा की कमी के चलते कार्रवाई

मिली जानकारी के अनुसार , सरकार ने इन अफसरों पर कार्रवाई का आधार सार्वजनिक हित को देखते हुए सत्यनिष्ठा की कमी और अपने काम के प्रति गंभीरता नहीं बरतने को लेकर की गई है ।  जुलाई 2014 से मई 2019 तक हुए इस रिव्यू में ग्रुप ए के कुल 36,000 और ग्रुप बी के 82,000 अफसरों को आंका गया । इनमें से ग्रुप ए के 125 और ग्रुप बी के 187 अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में रही। अपनी इस कार्रवाई पर जवाब देते हुए सरकार ने कहा है कि लागू अनुशासनात्मक नियम और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर हमने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की है । इसका हमें पूरा अधिकार है। हमें अधिकार है कि हम अफसरों पर मौलिक नियमों के प्रावधान (एफआर) 56 (j) (i), केंद्रीय सिविल सर्विस के नियम 48, पेंशन नियम 1972 और सिविल सेवा नियम 16 (3) (संशोधित) के तहत कार्रवाई कर सकते हैं। 

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यूपी की योगी सरकार ने की 600 अफसर कर्मियों पर कार्रवाई

जहां केंद्र की मोदी सरकार ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कसने में लगी है , वहीं यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल करते हुए 600 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है । इनमें से 200 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर दिया था । वहीं, 400 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को बृहद दंड दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों से भ्रष्टाचार में लिप्त दोषी, अक्षम अधिकारियों और कर्मचारियों की रिपोर्ट तलब कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे । उन्होंने समीक्षा बैठकों में निर्देश दिए थे भ्रष्टाचारी और कामचोर अधिकारियों की एक सूची बनाए जाए और ऐसे अफसर कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए । 

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दिल्ली सरकार ने भी दिए हैं निर्देश

इसी क्रम में अब दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी काम न करने वाले अफसरों की सूची बनाने के निर्देश जारी किए हैं । वह भी केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार की तर्ज पर भ्रष्टाचारी और कामचोर अफसरों- कर्मियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहे हैं।

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